Ram Navami Violence : हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी, कहा - 'जहां हिंसा हुई, वहां चुनाव नहीं'

Ram Navami Violence : राम नवमी पर पश्चिम बंगाल हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए सख्त टिप्पणी की है।

Written By :  Rajnish Verma
Update: 2024-04-23 11:54 GMT

कलकत्ता हाईकोर्ट

Ram Navami Violence : राम नवमी पर पश्चिम बंगाल हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए सख्त टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने कहा कि जो लोग शांति से जश्न नहीं मना सकते हैं, उन लोगों को चुनाव में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि रामनवमी के दौरान जहां सांप्रदायिक हिंसा हुई है, उन निर्वाचन क्षेत्रों में वह लोकसभा चुनाव कराने की अनुमति नहीं देगा। हालांकि चुनाव रोकने संबंधी अभी कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।

कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणम की अध्यक्षता वाली पीठ ने 17 अप्रैल को राम नवमी जुलूस के दौरान पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार पर तीखी टिप्पणी की है। सरकार ने पश्चिम बंगाल की सरकार को चेतवानी देते हुए कहा कि रामनवमी के दौरान जिन क्षेत्रों में हिंसा हुई हैं, वहां पर वह लोकसभा चुनाव कराने की अनुमति नहीं देगा। 

इन्हें चुनाव में शामिल होने की अनुमति नहीं देनी चाहिए

हाई कोर्ट ने कहा कि जो लोग शांति और सद्भा़व के साथ नहीं रह सकते, शांति के साथ जश्न नहीं मना सकते हैं, ऐसे लोगों को चुनाव शामिल होने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि आचार संहिता लागू होने के बावजूद अगर दो समूहों में इस तरह के झगड़े हो तो वे किसी भी निर्वाचित प्रतिनिधियों के लायक नहीं हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि कोलकाता में भी 23 ऐसी जगह है, जहां राम नवमी पर जश्न मनाया गया है, लेकिन वहां किसी भी प्रकार की हिंसा की खबर नहीं आई है।

सीआईडी कर रही जांच

हाई कोर्ट ने कहा कि 7 और 15 मई को चुनाव है, हम कहेंगे कि चुनाव कराने ही नहीं चाहिए। चुनाव का क्या फायदा है। आचार संहिता लागू होने के बावजूद हिंसा हो रही है। राज्य पुलिस क्या करती है? केंद्रीय बल क्या कर रहे हैं? हिंसा को लेकर अब तक कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया है? इस पर राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में पेश हुए वकील ने कहा कि इस मामले की जांच अब सीआईडी अपने हाथ में ले ली है।

26 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई

हाईकोर्ट ने कहा कि हम चुनाव आयोग से एक सिफारिश करेंगे कि जो लोग शांति से जश्न नहीं मना सकते, उन्हें चुनाव में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि वह चुनाव आयोग को प्रस्ताव देंगे कि बरहामपुर (मुर्शिदाबाद क्षेत्र) में चुनाव टाल दिया जाए, दोनों पक्षों की यह असहिष्णुता अस्वीकार्य है। वहीं, कोर्ट ने राज्य सरकार से हिंसा पर रिपोर्ट मांगी है। हालांकि चुनाव रोकने के संबंध में अभी तक कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। इस मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार (26 अप्रैल, 2024) को होगी।

राम नवमी शोभायात्रा पर हुआ था पथराव 

बता दें कि राम नवमी (17 अप्रैल, 2024) पर पश्चिम बंगाल में मुर्शिदाबाद के शक्तिपुर में शोभायात्रा के दौरान दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। इस हिंसा का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ-साफ दिख रहा है कि लोग अपनी छतों से शोभायात्रा पर पथराव कर रहे हैं। इसे लेकर क्षेत्र में तनाव बढ़ गया, जिसे देखते हुए भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठी लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े थे, जिससे कई लोग घायल हो गए थे।

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