Rambhadracharya: रामभद्राचार्य की तबियत बिगड़ी, अस्पताल में कराया गया भर्ती

Rambhadracharya: सांस लेने में परेशानी के कारण रामभद्राचार्य को देहरादून के सिनर्जी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें निमोनिया के कारण ये तकलीफ हुई है।

Report :  Network
Update:2024-11-20 12:53 IST

Rambhadracharya (Pic:Social Media)

Rambhadracharya: धर्मगुरू जगद्गुरु रामभद्राचार्य की तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मंगलवार देर शाम उन्होंने सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की जिसके बाद उन्हें देहरादून के सिनर्जी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनके तबियत के बारे में अस्पताल ने बताया कि उन्हें निमोनिया के कारण सांस लेने में परेशानी हो रही थी। उनका इलाज चल रहा है, लेकिन घबराने की कोई बात नहीं है। उनकी हालत अच्छी है।

ठीक हो जाने पर फिर कथा करने आएंगे

बता दें कि इसी साल फरवरी में भी धर्मगुरू जगद्गुरु रामभद्राचार्य की तबियत बिगड़ी गई थी तो उन्हें उस समय भी इलाज के लिए देहरादून ही लाया गया था जहां के सिनर्जी अस्पताल में उनका इलाज हुआ। उस समय उन्होंने एक वीडियो के माध्यम से संदेश दिया था कि वह कुछ समय के लिए स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं, आराम कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि लोगों का विश्वास रखना जरूरी है। कुछ समय बाद, ठीक हो जाने पर फिर कथा करने आएंगे।

मौसम बदलने से खांसी और जुकाम कि शिकायत थी

रामभद्राचार्य के फेसबुक एकाउंट पर पोस्ट में उन्होंने ये बताया था। बता दें कि देहरादून में रामभद्राचार्य के शिष्य के अस्पताल में ही उनका नियमत इलाज चलता है। इसलिए जगद्गुरु इलाज के लिए अक्सर यहीं पर आते हैं। तब डॉक्टरों ने बताया था कि जगद्गुरु रामभद्राचार्य को मौसम बदलने से खांसी और जुकाम कि शिकायत थी। तब सोशल मीडिया और कुछ वाट्सएप संदेशों में उनके निधन को लेकर खबरें प्रसारित की जा रही थीं। इसके बाद एक एक्सक्लूसिव वीडियो में उन्होंने अपने भक्तों के लिए संदेश भेजा था। इस रामभद्राचार्य का देहरादून सिनर्जी अस्पताल में इलाज चल रहा है। डाक्टरों का कहना है कि उनकी हालत ठीक है। चिंता की कोई बात नहीं है।

कौन हैं जगद्गुरु रामभद्राचार्य?

स्वामी रामभद्राचार्य आध्यात्मिक गुरु हैं। उनका वास्तविक नाम गिरधर मिश्रा है। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में हुआ था। जब वे दो माह के थे तभी उनकी आंखों की रोशनी चली गई। लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी आज वे जिस मुकाम पर पहुंचे हैं वे कोई साधारण बात नहीं है। उन्हें 22 भाषाओं का ज्ञान है। वे संस्कृत विद्वान, दार्शनिक और राम कथाकार के रूप में समाज में काफी फेमस हैं। स्वामी रामभद्राचार्य यूपी के चित्रकूट में रहते हैं और तुलसी पीठ धार्मिक और सामाजिक सेवा संस्थान के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। रामभद्राचार्य वे केवल देश ही नहीं विदेश में भी रामकथा करते हैं। वे सनातन को लेकर लगातार लोगों को जागरुक करने का काम भी करते हैं। वे समसामयिकी विषयों पर हमेशा अपना पक्ष रखते नजर आते हैं। 

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