कृषि कानूनों के समर्थन में BJP का किसान पंचायत, कांग्रेस पर लगाया ये बड़ा आरोप
कृषि क़ानूनों के विरोध को लेकर आंदोलन समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। इसे लेकर राजनीति भी खूब हो रही है। इस बीच झारखंड की प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने सभी पांच प्रमंडलों में किसान पंचायत का आयोजन किया है।
कृषि क़ानूनों के विरोध को लेकर आंदोलन समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। इसे लेकर राजनीति भी खूब हो रही है। इस बीच झारखंड की प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने सभी पांच प्रमंडलों में किसान पंचायत का आयोजन किया है। पार्टी किसानों को तीन कृषि क़ानूनों के फायदे गिना रही है। पार्टी का आरोप है कि, कांग्रेस देश के किसानों को गुमराह करने में लगी है। केंद्र की मोदी सरकार ने कृषकों के हित को सामने रखते हुए क़ानून बनाया है। 2022 तक किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के आरोप
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कृषि क़ानूनों को देश के किसानों के हित में बताया है। रांची में किसान पंचायत को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि, देश में कोई भी नया काम होता है तो कांग्रेस उसके ख़िलाफ़ उठ खड़ी होती है। कृषि क़ानूनों को लेकर भी कांग्रेस देश में भ्रम फैला रही है। विपक्ष के नेता जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुकाबला नहीं कर पाते हैं तो लोगों को गुमराह करने में लग जाते हैं। किसान पंचायत में कृषकों को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि, देश के प्रधानमंत्री से लेकर कृषि मंत्री कृषि कानूनों को लेकर स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं। खेती हमारी संस्कृति और परंपरा का आधार है।
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झारखंड सरकार पर निशाना
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कहा कि, झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने किसानों के पेट पर लात मारने का काम किया है। रांची में किसान पंचायत को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि, मुख्यमंत्री बनते ही हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना को बंद कर दिया। हमारी सरकार में झारखंड देश का पहला राज्य था जहां फसल बीमा का प्रीमियम किसान नहीं बल्कि सरकार भरती थी। उन्होने कहा कि, झामुमो, कांग्रेस और राजद ने झूठ और फ़रेब की बुनियाद पर राज्य में सरकार बनाई है।
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कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ झारखंड सरकार
झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार तीन नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ है। ख़ुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में आवाज़ बुलंद की है। किसानों के भारत बंद को राज्य की सत्ताधारी पार्टियों झामुमो, कांग्रेस और राजद ने समर्थन दिया है। सभी वामदल भी कृषि कानून को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। झारखंड सरकार कृषि क़ानूनों को किसानों के लिए अहितकारी बता रही है। कृषि मंत्री बादल पत्रलेख भी नए क़ानूनों को किसान विरोध बता चुके हैं। इस बीच राज्य सरकार ने एमएसपी के आधार पर धान की ख़रीद शुरू कर दी है। हालांकि, उसे लेकर भी कई तरह की शिकायतें मिल रही हैं। सरकार ने किसानों की क़र्जमाफ़ी की प्रक्रिया भी आगे बढ़ा दी है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में इसका वादा किया था।