21 दिनों में रेपिस्ट को फांसी! यहां की सरकार ला रही बिल

आंध्रप्रदेश की जगनमोहन रेड्डी सरकार बलात्कार जैसे जघन्य अपराध पर पाबंदी लगाने के लिए एक बिल लाने की तैयारी में है, जिसमें बलात्कार के दोषियों को 21 दिनों में फांसी की सजा दिया जाएगा

Update: 2019-12-09 16:47 GMT

अमरावती: आंध्रप्रदेश की जगनमोहन रेड्डी सरकार बलात्कार जैसे जघन्य अपराध पर पाबंदी लगाने के लिए एक बिल लाने की तैयारी में है, जिसमें बलात्कार के दोषियों को 21 दिनों में फांसी की सजा दिया जाएगा सूत्रो के हवाले से खबर है कि सरकार 11 दिसंबर को इस बिल को राज्य विधानसभा में पेश कर सकती है।

हैदराबाद गैंगरेप...

इससे पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी हैदराबाद की पशुचिकित्सक के साथ सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या के चार आरोपियों के कथित मुठभेड़ में मारे जाने को लेकर भी तेलंगाना के अपने समकक्ष के चंद्रशेखर राव और तेलंगाना पुलिस की प्रशंसा कर चुके हैं।

सीएम जगनमोहन रेड्डी ने की घोषणा...

आंध्र प्रदेश के सीएम जगनमोहन रेड्डी ने घोषणा करते हुए कहा कि उनकी सरकार महिलाओं के विरूद्ध अत्याचार के मामलों की त्वरित सुनवाई और उपयुक्त सजा सुनिश्चित करने के लिए कड़ा कानून बनाने के लिए विधानसभा के वर्तमान सत्र में एक विधेयक लाएगी।

उन्होंने विधानसभा में अपने भावुक भाषण में ऐसे कठोर कानूनों की वकालत की जो महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े मामलों की शीघ्र सुनवाई और मिसाल दिये जाने योग्य सजा सुनिश्चित करेगी।

सीएम ने कहा- KCR और तेलंगाना पुलिस अधिकारियों को मेरा सलाम...

आपको बताते चलें कि जगन ने कहा था कि दो बेटियों का पिता होने के नाते इस घटना से मुझे बहुत पीड़ा हुई, पिता के तौर पर मुझे ऐसी घटनाओं पर क्या प्रतिक्रिया देनी चाहिए? किस तरह की सजा अभिभावक को राहत देगी, हमें उसके बारे में सोचना चाहिए।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि घटना हुई, मीडिया ने दिखाया कि गलत हुआ, बाद में तेलंगाना सरकार ने जवाब दिया, KCR और तेलंगाना के पुलिस अधिकारियों को मेरा सलाम।

जगनमोहन ने मानवाधिकार की बात करने वालों पर भी साधा था निशाना...

जगनमोहन रेड्डी ने मानवाधिकार का शोर मचाने वालों को निशाने पर लेते हुए कहा कि जब किसी फिल्म में नायक मुठभेड़ में किसी को मारता है तो हम सभी तालिया बजाते हैं और कहते हैं कि फिल्म अच्छी है।

उन्होंने कहा कि यदि कोई साहसिक व्यक्ति असल जिंदगी में वही करता है, तो कोई राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के नाम पर दिल्ली से आएगा। वह कहेगा कि यह गलत है, ऐसा नहीं होना चाहिए, वह सवाल उठाता है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया।

उन्होंने कहा कि हम देखते हैं कि ऐसे सवाल उठ रहे हैं, हमारे कानून ऐसी दयनीय दशा में हैं।

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