Delhi News: दिल्ली में राशन व्यवस्था पूरी तरह ठप्प, 72 लाख गरीबों को नहीं मिला नवंबर-दिसंबर का राशन
Delhi News: दिल्ली सरकार को केवल गोदामों से राशन विक्रेताओं तक राशन पहुंचाने की व्यवस्था करनी होती है लेकिन दिल्ली सरकार इतना काम भी नहीं कर पा रही।
Delhi News: केजरीवाल सरकार की लापरवाही और गरीबों की अनदेखी के कारण राजधानी दिल्ली में राशन व्यवस्था पूरी तरह ठप्प हो गई है। दिल्ली के 72 लाख 78 हजार राशन कार्ड धारकों को नवंबर और दिसंबर का राशन नहीं मिला। यह राशन गोदामों से ही नहीं उठाया गया। 'वन नेशन वन कार्ड' के तहत केंद्र सरकार द्वारा जारी किया गया अतिरिक्त राशन भी दिल्ली के उन गरीबों तक नहीं पहुंचा जो दूसरे राज्यों से आकर दिल्ली में रह रहे हैं। दिल्ली के राशन विक्रेताओं का कमीशन पिछली छमाही से नहीं दिया गया जबकि इन्हें कमीशन एडवांस में मिलना चाहिए था और केंद्र सरकार ने पहले ही यह राशि दिल्ली को दे दी है।
दिल्ली प्रदेश भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने इस स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार से मांग की है कि या तो वह राशन व्यवस्था को अपने हाथों में ले ले या फिर केंद्र द्वारा जारी सबसिडी का उपभोक्ताओं को बैंक खातों में भुगतान किया जाए क्योंकि दिल्ली सरकार गरीबों तक राशन पहुंचाने का काम करने में पूरी तरह निकम्मी साबित हुई है। प्रदेश प्रवक्ता शुभेन्दू शेखर अवस्थी ने पत्रकार वार्ता का संचालन किया।
एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में भाजपा नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना तथा 'वन नेशन वन कार्ड योजना' के तहत दिल्ली के उपभोक्ताओं को राशन उपलब्ध कराती है। राशन उपलब्ध कराने के साथ-साथ केंद्र सरकार गोदामों से राशन विक्रेताओं तक राशन पहुंचाने का ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा और राशन विक्रेताओं के कमीशन का भी भुगतान करती है। दिल्ली सरकार को केवल गोदामों से राशन विक्रेताओं तक राशन पहुंचाने की व्यवस्था करनी होती है लेकिन दिल्ली सरकार इतना काम भी नहीं कर पा रही। दिल्ली के गरीब राशन के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं।
भाजपा नेताओं ने बताया कि दिल्ली के गरीबों को अभी तक नवंबर और दिसंबर का राशन नहीं मिल पाया है। इसकी वजह यह है कि मायापुरी, ओखला और पूसा के गोदामों से नवंबर महीने के लिए ही भेजे गए चावल का 34 हजार क्विंटल से ज्यादा और मायापुरी के गोदाम से गेहूं का 10 हजार क्विंटल से ज्यादा का स्टॉक उठाया ही नहीं गया। इसी तरह जो बेचारे गरीब दूसरे राज्यों से आकर दिल्ली में रह रहे हैं और उन्हें 'वन नेशन वन कार्ड' योजना के तहत राशन दिया जाता है, उन्हें भी राशन नहीं मिल रहा। केंद्र सरकार ने इनके लिए इस साल अप्रैल से सितंबर तक की छमाही का 8 हजार टन चावल और 11900 टन गेहू जारी किया था लेकिन दिल्ली सरकार इसका भी वितरण नहीं कर सकी।
भाजपा नेताओं ने कहा कि पिछले साल केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया था कि राशन विक्रेताओं के कमीशन का भुगतान एडवांस में किया जाए। केंद्र सरकार ने पिछली छमाही में इनके कमीशन के रूप में 24 करोड़ 89 लाख रुपए का भुगतान कर दिया था लेकिन दिल्ली सरकार उस राशि को भी दबाकर बैठ गई और उसमें से भी सिर्फ 14 करोड़ 55 हजार रुपए ही जारी किए गए। इस तरह राशन विक्रेताओं को उनका कमीशन भी नहीं दिया जा रहा।
भाजपा नेताओं ने कहा है कि केजरीवाल सरकार राशन वितरण व्यवस्था को लागू करने में पूरी तरह फेल हो चुकी है और हमारा सुझाव है कि यह कार्य केंद्र सरकार को अपने हाथों में ले लेना चाहिए या फिर गरीबों को केंद्र सरकार की खाद्यान्न योजनाओं में मिलने वाली सबसिडी सीधे उनके खातों में पहुंचा दी जाए।