Chardham Yatra 2022: चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की मौत की वजह ये, डॉक्टरों ने किया खुलासा

Chardham Yatra 2022: डॉक्टरों के अनुसार, पहाड़ों में पले–बढ़े व्यक्ति और मैदानों में पले–बढ़े व्यक्ति की फिजिकल एबिलिटी में काफी अंतर होता है।

Update: 2022-05-22 17:32 GMT

पवित्र चाराधाम यात्रा: Photo - Social Media

Chardham Yatra 2022: पवित्र चाराधाम यात्रा (Pavitra Charadham Yatra) को लेकर इन दिनों हिंदू तीर्थयात्रियों (Hindu Tirthyatri) में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। कोरोना महामारी (corona pandemic) के कारण दो साल अवरूद्ध रहे इस यात्रा में अबकी बार भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन को आ रहे हैं। इनमें बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे भी शामिल है। हालांकि, इस यात्रा के दौरान लगातार हो रही श्रद्धालुओं की मौतें परेशान करने वाली हैं। उत्तराखंड सरकार (Government of Uttarakhand) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 60 तीर्थयात्री इस पवित्र यात्रा के अपनी जान गंवा चुके हैं।

सबसे अधिक मौत का कारण

चारधाम यात्रा के दौरान सबसे अधिक मौतें केदारनाथ यात्रा के दौरान दर्ज की गई है। यहां कुल 28 श्रद्धालुओं ने अपनी जान गंवाई है। इसके बाद बद्रीनाथ 11, यमुनोत्री 16 और गंगोत्री 04 का स्थान आता है। इनमें अधिकतर श्रद्धालुओं की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई है। ऐसे लोगों की संख्या 57 है, जो कुल मृतकों के आंकड़े से महज दो कम है।


पवित्र चाराधाम यात्रा: Photo - Social Media 

डॉक्टरों के अनुसार, पहाड़ों में पले–बढ़े व्यक्ति और मैदानों में पले–बढ़े व्यक्ति की फिजिकल एबिलिटी में काफी अंतर होता है। अधिक ऊंचाई के कारण वहां हवा पतली होती है, जिसके कारण ऑक्सीजन की मात्रा उसमें कम होती है। पहाड़ का व्यक्ति इसका आदी होता है। जबकि मैदानी हिस्से में रहने वाले लोग इससे सामंजस्य नहीं बैठा पाते हैं, उन्हें सांस लेने में दिक्कत महसूस होने लगती है। जो अंततः उनके मौत का कारण बन जाती है।

बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति को यात्रा न करने की सलाह

रिपोर्ट के मुताबिक, मृतकों में अधिक संख्या उन लोगों की है, जो वृद्ध हैं या वो किसी बीमारी से पहले ही ग्रस्ति हैं। यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा बुजुर्ग और किसी बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति को यात्रा न करने की सलाह दी गई है। बता दें कि चारधाम यात्रा में चार जगहों की यात्रा की जाती है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री। इसमें सबसे अधिक ऊंचाई पर केदारनाथ (3583 मीटर), बद्रीनाथ (3300 मीटर) है। इसके बाद क्रमशः यमुनोत्री (3293 मीटर) और गंगोत्री (3100 मीटर) है।

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