इलाहाबाद: छात्रों के लिए राहत की खबर, रूम कंट्रोल एक्ट को लागू करने के लिए जल्द होगी कार्रवाई

Update: 2017-06-16 07:26 GMT

इलाहाबाद: इलाहबाद यूनिवर्सिटी व इसके डिग्री कॉलेजों सहित प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए राहत की बड़ी खबर है। इलाहाबाद शहर में एक लाख से ज्यादा छात्रों की सबसे बड़ी समस्या है रहने के लिए कमरे की। ऐसे में छात्रों की मजबूरी का फायदा शहर के लॉज व मकान मालिक उठाते हैं और हर साल मनमाना किराया बढ़ा कर वसूली करते हैं।

इस गंभीर मुद्दे को लेकर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी कैंपस में छात्र शहर में रूम कंट्रोल एक्ट लागू करने के लिए कई दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। कैंपस में प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग है कि एक तो यूनिवर्सिटी में छात्रों लिए बेहद कम छात्रावास बने हैं जो कि महज चार हज़ार छात्रों के लिए ही हैं जबकि हर वर्ष हज़ारों की संख्या में छात्र बढ़ जाते हैं।

छात्रों की मांग है कि शहर में रूम कंट्रोल एक्ट लागू किया जाए जिससे कि हर वर्ष मनमाना किराया पर रोक लगे। हालांकि पिछले कई सालों से छात्रों की ओर से यह मांग लगातार उठायी जा रही है। जिसपर यूनिवर्सिटी व स्थानीय प्रशासन कोई कदम नहीं उठा रहा है। लेकिन वर्तमान में जिस तरह हाई कोर्ट के आदेश पर यूनिवर्सिटी के सभी 20 हॉस्टलों में वाश आउट की कार्रवाई कर खाली कराया गया है। उसके बाद लगातार छात्र अपने आवास के लिए शहर में रूम कंट्रोल एक्ट लागू करने के लिए आंदोलन पर आमादा हैं।

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो रतन लाल हांगलू ने कहा कि छात्रों के लिए और हॉस्टल बनाने की जरूरत है। साथ ही छात्रों की मांग पर यूनिवर्सिटी में एक कमेटी बनाई जाएगी, जिसमें इलाहबाद नगर निगम व विकास प्राधिकरण के अधिकारी के सहयोग से रूम कंट्रोल एक्ट के मसौदे तैयार कर प्रदेश के योगी सरकार को भेजा जाएगा। जाहिर है कि पहली बार यूनिवर्सिटी की ओर से छात्रों के लिए रूम कंट्रोल एक्ट पर गंभीर प्रयास उठाने की बात शुरू हुई है। अब देखना है कि इस पर सरकार क्या कार्रवाई करती है।

हर साल आते हजारों छात्र

शिक्षा नगरी इलाहबाद में हर वर्ष इलाहबाद यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए हज़ारों की संख्या में नए छात्र आते हैं और जो छात्र यूनिवर्सिटी से पासआउट होते हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सालों यही रह जाते हैं। जिसका फायदा शहर के लॉज मालिक उठाते हैं और मनमाना किराया जबरन वसूलते हैं, जिस पर किसी का नियंत्रण नहीं होता है। जाहिर है कि अगर यूनिवर्सिटी प्रशासन व राज्य सरकार गंभीरता से रूम कंट्रोल एक्ट लागू करें, तो इलाहबाद में पढ़ाई करने वाले एक लाख से ज्यादा छात्रों के लिए बड़ी राहत की बात होगी।

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