India Vs Bharat: एनसीईआरटी की किताबों में इंडिया की जगह भारत करने पर मचा घमासान, सपा ने कहा, यह भाजपा की राजनीतिक लाभ लेने की चाल है

India Vs Bharat: राज्यसभा सांसद मनोज झा ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मैं सरकार के अंतर्गत आने वाले संस्थानों का चरित्र देखकर हैरान हूं।

Update:2023-10-25 18:38 IST

एनसीईआरटी की किताबों में इंडिया की जगह भारत करने पर मचा घमासान, सपा ने कहा, यह भाजपा की राजनीतिक लाभ लेने की चाल है: Photo- Social Media

India Vs Bharat: अब जल्द ही नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) की किताबों में इंडिया की जगह पर भारत लिखा नजर आ सकता है। दरअसल बतादें कि एनसीईआरटी अपने सिलेबस में नई शिक्षा नीति के तहत बदलाव कर रहा है। इसके लिए बकायद 19 सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई थी। इसी कमेटी ने यह सुझाव दिया है।

इस कमेटी ने ही देश का नाम इंडिया की जगह भारत लिखने का सुझाव दिया है। साथ ही कमेटी ने सिलेबस से प्राचीन इतिहास को हटाकर क्लासिकल हिस्ट्री को और हिंदू योद्धाओं की जीत की कहानियों को शामिल करने की सिफारिश भी की है। अब इस पर सवाल भी उठने लगे हैं। यहां यह सवाल उठता है कि एनसीईआरटी किताबों में इंडिया की जगह भारत करने में कितना समय लगेगा और कितना खर्चा आएगा और कब तक यह अमल में आ जाएगा।

वहीं इंडिया नाम बदलकर भारत करने को लेकर राजनीति दलों ने मोदी सरकार पर निशाना भी साधना शुरू कर दिया है। सपा प्रवक्ता फखरूल हसन ने न्यूज टैक से बात करते हुए कहा कि यह मोदी सरकार का राजनीतिक लाभ लेने का एजेंडा है। हम जितना इंडिया से प्यार करते हैं उतने ही भारत और हिंदुस्तान से करते हैं। नाम बदलने ऐसा कुछ नहीं होगा कि हम केवल भारत कहें, हमें भारत, इंडिया और हिंदुस्तान तीनों से लगाव है। यह तीनों हमारे जेहन में बसे हैं। एनसीईआरटी की किताबों में इंडिया की जगह भारत करने का यह मामला मोदी सरकार का केवल राजनीति लाभ लेने की एक चाल है और कुछ नहीं।

राजद से राज्यसभा सांसद मनोज झा: Photo- Social Media

संस्थानों का चरित्र देखकर हैरान हूं-मनोज झा

वहीं राजद से राज्यसभा सांसद मनोज झा ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मैं सरकार के अंतर्गत आने वाले संस्थानों का चरित्र देखकर हैरान हूं। जब से इंडिया गठबंधन बना हूं, तब से पीएम से लेकर मंत्रियों तक के अजीब रिएक्शन आ रहे हैं। वे तय ही नहीं कर पा रहे हैं कि इंडिया गठबंधन का मुकाबला कैसे करेंगे। अब एनसीईआरटी की किताबों में इंडिया को बदलकर भारत करने की बात कर रही है, लेकिन आप अनुच्छेद 1 का क्या करेंगे जो कहता है कि इंडिया दैट इज भारत। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि इसका क्या अर्थ है। अगर इंडिया गठबंधन अपना नाम बदलकर भारत कर लेता है तो वे क्या करेंगे।

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