Republic Day 2023: राष्ट्रपति का राष्ट्र के नाम संबोधन- 'विभिन्न पंथों और भाषाओं ने बांटने नहीं, जोड़ने का काम किया'
Droupadi Murmu Speech: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 74 वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने संविधान निर्माताओं को याद किया।
President Murmu Speech: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार (25 जनवरी) को देश को संबोधित किया। 74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा, 'हमें अपने संविधान निर्माताओं पर गर्व करना चाहिए। देश बाबा साहेब अंबेडकर का हमेशा ऋणी रहेगा। संविधान ने हमें गणतंत्र की राह दिखाई।'
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करने का यह उनका पहला अवसर है। आज उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत देशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई के साथ की। राष्ट्रपति ने कहा, '74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर, देश तथा विदेश में रहने वाले आप सभी भारतीयों को मैं हार्दिक बधाई देती हूं। उन्होंने कहा, जब हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं, तब एक राष्ट्र के रूप में हमने मिल-जुल कर जो उपलब्धियां प्राप्त की हैं, उनका उत्सव मनाते हैं।'
देश के हर नागरिक को गौरव गाथा पर गर्व
देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति मुर्मू ने पिछले वर्ष स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर एक विस्तृत भाषण दिया। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, 'देश के हर नागरिक को गौरव गाथा पर गर्व है। हम सब एक हैं। हम सभी भारतीय हैं। देश में इतने सारे पंथों तथा इतनी भाषाओं के बावजूद हम एक हैं। हमें विभाजित नहीं किया। बल्कि हमें जोड़ा ही है। इसलिए हम एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में सफल हैं। यही भारत का सार-तत्व है।
भारत हमेशा बीआर अंबेडकर का आभारी रहेगा
राष्ट्रपति ने आगे कहा, 'भारत एक गरीब और निरक्षर राष्ट्र की स्थिति से काफी आगे बढ़ चला है। भारत आज विश्व-मंच पर एक आत्मविश्वास से भरे राष्ट्र का स्थान ले चुका है। संविधान-निर्माताओं की सामूहिक बुद्धिमत्ता से मिले मार्गदर्शन के बिना ये प्रगति असंभव थी। भारत हमेशा संविधान निर्माता डॉ. बीआर अंबेडकर (Dr. BR Ambedkar) का आभारी रहेगा। उन्होंने संविधान की मसौदा समिति का नेतृत्व किया था। इस प्रकार इसे अंतिम रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई।'
विधिवेत्ता बीएन राऊ को भी नमन
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बोलीं, 'हमें विधिवेत्ता बीएन राऊ (BN Rau) की भूमिका को भी याद रखना चाहिए। उन्होंने संविधान का प्रारंभिक मसौदा तैयार किया था। साथ ही, अन्य विशेषज्ञ तथा अधिकारी जिन्होंने संविधान बनाने में मदद की उनका भी आभार। हमें इस बात पर गर्व है कि उस असेंबली के सदस्यों ने भारत के सभी क्षेत्रों और समुदायों का प्रतिनिधित्व किया। उनमें 15 महिलाएं भी शामिल थीं।'
कोरोना से अर्थव्यवस्था को नुकसान, मगर फिर उभरे
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा, 'कोरोना की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को खासा नुकसान हुआ। कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं है। हम पूरी तरह तैयार हैं। पिछले साल भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा। ये उपलब्धि, आर्थिक अनिश्चितता से भरी वैश्विक पृष्ठभूमि में प्राप्त की गई। सक्षम नेतृत्व तथा प्रभावी संघर्षशीलता के बल पर हमने शीघ्र ही मंदी को पीछे छोड़ दिया। मंदी से बाहर आए। अपनी विकास यात्रा को फिर से शुरू किया। अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर लौटी। ये सरकार के समय पर और सक्रिय हस्तक्षेप से संभव हुआ। 'आत्मनिर्भर भारत' पहल को बड़े पैमाने पर लोगों के बीच शानदार प्रतिक्रिया मिली है।'
'गगनयान' कार्यक्रम प्रगति पर
राष्ट्रपति ने कहा, कि 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) शिक्षार्थियों को 21वीं सदी की चुनौतियों के लिए तैयार करते हुए हमारी सभ्यता पर आधारित ज्ञान को समकालीन जीवन के लिए प्रासंगिक बनाती है। हम विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी (science and technology) के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों पर गर्व का अनुभव कर सकते हैं। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत गिने-चुने अग्रणी देशों में से एक है। भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों (Indian astronauts) को अंतरिक्ष में ले जाने के लिए 'गगनयान' कार्यक्रम प्रगति पर है। यह भारत की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान होगी।'
महिलाएं ही भविष्य में अधिकतम योगदान देंगी
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आगे कहा, महिला सशक्तिकरण (women empowerment) तथा महिला और पुरुष के बीच समानता अब केवल नारे नहीं हैं। मेरे मन में कोई संदेह नहीं कि महिलाएं ही आने वाले कल के भारत को स्वरूप देने के लिए अधिकतम योगदान देंगी। राष्ट्रपति ने ये भी कहा, सशक्तिकरण की यही दृष्टि अनुसूचित जातियों सहित अन्य कमजोर वर्गों के लोगों के लिए सरकार की कार्य-प्रणाली का मार्गदर्शन करती है।'
भारत G-20 देशों के समूह की अध्यक्षता कर रहा
उन्होंने कहा, 'इस वर्ष भारत G-20 देशों के समूह की अध्यक्षता कर रहा है। विश्व-बंधुत्व के अपने आदर्श के अनुसार, हम सभी की शांति और समृद्धि के पक्षधर हैं। जी- 20 की अध्यक्षता एक बेहतर विश्व के निर्माण में योगदान हेतु भारत को अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करती है। मेरे विचार से ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) और जलवायु परिवर्तन (Climate change) ऐसी चुनौतियां हैं। इनका सामना शीघ्रता से करना है। वैश्विक तापमान बढ़ रहा है। मौसम में बदलाव के चरम रूप दिखाई पड़ रहे हैं।'
बहादुर जवानों की सराहना करती हूं
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन के आखिर में कहा, 'मैं देश की प्रगति में योगदान देने वाले प्रत्येक नागरिक की सराहना करती हूं। मैं उन बहादुर जवानों की विशेष रूप से सराहना करती हूं जो हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं। किसी भी त्याग तथा बलिदान के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। देशवासियों को आंतरिक सुरक्षा प्रदान करने वाले समस्त अर्ध-सैनिक बलों और पुलिस बलों के बहादुर जवानों की भी मैं सराहना करती हूं। मैं सभी प्यारे बच्चों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए हृदय से आशीर्वाद देती हूं।'