‘अंबेडकर के संविधान मुताबिक ही रहेगा आरक्षण’, SC-ST कोटे पर मोदी सरकार का रुख क्लियर

SC-ST Quota: एससी और एसटी के आरक्षण उप-वर्गीकरण पर सुप्रीम कोर्ट की आए फैसले पर विस्तृत चर्चा करने के लिए शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल बैठक हुई।

Report :  Viren Singh
Update: 2024-08-10 04:38 GMT

 SC-ST Quota (सोशल मीडिया) 

 SC-ST Quota: अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के आरक्षण को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट की सिफारिश को संविधान का हवाला देते हुए मोदी सरकार ने इस लागू कर करने से इंनकार कर दिया। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना एंव प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि डॉक्टर भीम राव आंबेडकर के दिए संविधान में ‘मलाईदार तबके’ (क्रीमी लेयर) के लिए कोई प्रावधान नहीं है।

अंबेडकर के संविधान मुताबिक ही आरक्षण का प्रावधान

एससी और एसटी के आरक्षण उप-वर्गीकरण पर सुप्रीम कोर्ट की आए फैसले पर विस्तृत चर्चा करने के लिए शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल बैठक हुई। बैठक में शामिल हुए लोगों को एक स्वर स्पष्ट मत था कि डॉ. बीआर अंबेडकर द्वारा तैयार संविधान में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षण प्रणाली में “क्रीमी लेयर” का प्रावधान नहीं है। ऐसे में अंबेडकर के संविधान के मुताबिक ही आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए।

सरकार ने बताया ‘क्रीमी लेयर’ का मतलब

बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए अश्विनी वैष्णव कहा मंत्रिमंडल की बैठक में सुप्रीम कोर्ट के उस हालिया फैसले पर विस्तृत चर्चा हुई जिसमें एससी और एसटी के लिए आरक्षण के संबंध में कुछ सुझाव दिए गए थे। सरकार ने कोर्ट के फैसले को लागू करने से माना कर दिया है। ‘क्रीमी लेयर’ का मतलब एससी और एसटी समुदायों के उन लोगों और परिवारों से है, जो उच्च आय वर्ग में आते हैं. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल का यह सुविचारित मत है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार संविधान के प्रावधानों के प्रति प्रतिबद्ध है। वैष्णव ने कहा, ‘‘बी आर आंबेडकर के दिए संविधान के अनुसार, एससी-एसटी आरक्षण में ‘क्रीमी लेयर’ के लिए कोई प्रावधान नहीं है। एससी-एसटी आरक्षण का प्रावधान संविधान के अनुरूप होना चाहिए।

पीएम मोदी से मिला एससी-एसटी का प्रतिनिधिमंडल

आए फैसले से पहले शुक्रवार दोपहर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के संदर्भ में एससी और एसटी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात पर पीएम मोदी ने कहा कि आज एससी/एसटी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। एससी/एसटी समुदायों के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए हमारी प्रतिबद्धता और संकल्प को दोहराया।

पीएम मोदी से मिलने के बाद प्रतिनिधिमंडल में शामिल भाजपा के राज्यसभा सदस्य सिकंदर कुमार ने कहा, "हम सभी सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से चिंतित हैं. हमें इस मामले पर चिंता जताने वाले लोगों के फोन आ रहे हैं।

जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या दिया था फैसला ?

बीते 1 अगस्त, 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी के निचले तबके को आर्थिक और सामाजिक उत्थान के लिए आरक्षण को लेकर एक बड़ा फैसला दिया था। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की बेंच ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के कोटे में कोटा दिए जाने को मंजूरी दी थी। कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकारें अपने यहां की स्थितियों को देखते हुए SC-ST कैटेगरी के भीतर नई सब कैटेगरी बना सकते हैं और इसके तहत अति पिछड़े तबके को अलग से रिजर्वेशन दे सकते हैं। पीठ ने यह फैसला 6:1 के बहुमत से सुनाया। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने ईवी चिन्नैया मामले को लेकर दिए गए अपने उस फैसले को पलट दिया, जिसमें एससी और एसटी को 'सजातीय वर्ग' माना जाने के कारण इस तरह के उप-वर्गीकरण को अस्वीकार्य माना गया था.


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