अब करिए जियो से ऑनलाइन पेमेंट, रिज़र्व बैंक से मिली हरी झंडी
पेटीएम, गूगल पे वगैरह जैसी कम्पनियाँ पेमेंट एग्रीगेटर का उदहारण हैं। पेटीएम पर नए ग्राहकों को जोड़ने से रोक लगी हुई है सो जियो के पास डिजिटल फाइनेंशियल सर्विस मार्केट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हासिल करने का मौक़ा है।
Newstrack : Network
Update:2024-10-29 16:00 IST
Jio Online Payment: जियो फाइनेंशियल सर्विसेज की सहायक कंपनी जियो पेमेंट सॉल्यूशंस लिमिटेड (जेपीएसएल) को ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में काम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से मंजूरी मिल गई है। इस घोषणा के बाद, जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के शेयरों में तेजी आई है।
पेमेंट एग्रीगेटर एक थर्ड पार्टी सर्विस प्रोवाइडर होता है जो ग्राहकों को ऑनलाइन पेमेंट करने और व्यवसायों को पेमेंट स्वीकार करने में सक्षम बनाता है। पेटीएम, गूगल पे वगैरह जैसी कम्पनियाँ पेमेंट एग्रीगेटर का उदहारण हैं। पेटीएम पर नए ग्राहकों को जोड़ने से रोक लगी हुई है सो जियो के पास डिजिटल फाइनेंशियल सर्विस मार्केट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हासिल करने का मौक़ा है।
जियो फाइनेंशियल सर्विसेज कीखास बातें
- - जियो फाइनेंशियल सर्विसेज का एक अन्य हिस्सा जियो पेमेंट्स बैंक, वर्तमान में बायोमेट्रिक एक्सेस और एक फिजिकल डेबिट कार्ड के साथ डिजिटल बचत खाते कि सुविधा प्रदान करता है। यह सेवा 15 लाख से ज़्यादा एक्टिव यूजर्स को सहायता प्रदान करती है जो दैनिक लेन-देन के लिए इस पर निर्भर
- - विस्तार करते हुए जियो फाइनेंशियल सर्विसेज ने जियो पेमेंट्स बैंक के बचत खाता प्लेटफ़ॉर्म पर अपनी बैंकिंग सेवाओं को व्यापक बनाने की योजना बनाई है।
- - जियो ने अकेले अप्रैल 2024 में लगभग 18 लाख यूपीआई भुगतान प्रोसेस किए, इससे पता चलता है कि डिजिटल फाइनेंस में जियो एक प्रमुख खिलाड़ी बनने के अपने टारगेट पर चल रहा है।
- - हालांकि मार्च 2024 तक उपभोक्ता खर्च में नकदी का हिस्सा लगभग 60 प्रतिशत था लेकिन आरबीआई के एक अध्ययन से संकेत मिलता है कि कोरोना महामारी के बाद से यह प्रवृत्ति घट रही है। डिजिटल भुगतान, खास तौर पर यूपीआई के ज़रिए, में उछाल आया है, 2021 में 14-19 प्रतिशत से बढ़कर 2024 तक डिजिटल लेन देन 40-48 प्रतिशत हो गया है।