कोरोना संक्रमण की तैयारियों से जुड़े सवाल उठाने पर डॉक्टरों को किया जा रहा टारगेट!

दिल्ली स्थित एम्स के डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा है। एसोसिएशन की तरफ से लिखे गये पत्र में आरोप लगाया गया है कि जो डॉक्टर कोरोना संक्रमण की तैयारियों से जुड़े सवाल उठाते हैं, उन्हें टारगेट किया जा रहा है।

Update: 2020-04-06 11:48 GMT

नई दिल्ली: दिल्ली स्थित एम्स के डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा है। एसोसिएशन की तरफ से लिखे गये पत्र में आरोप लगाया गया है कि जो डॉक्टर कोरोना संक्रमण की तैयारियों से जुड़े सवाल उठाते हैं, उन्हें टारगेट किया जा रहा है। इससे उनके मनोबल पर विपरीत असर पड़ रहा है।

खास बात यह है कि देशभर में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के बाच पीपीई यानि निजी सुरक्षा उपकरण की भारी कमी देखी जा रही है। इसको लेकर राज्य सरकारें भी केंद्र से गुहार लगा रही है। इसके साथ ही मेडिकल स्टाफ भी सोशल मीडिया के जरिए अपनी परेशानियों के साझा करने को मजबूर हो रहा है।

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विपक्ष ने भी साधा निशाना

मेडिकल स्टाफ की समस्याओं को लेकर विपक्ष भी केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर हैं। कांग्रेस इस मुद्दे को अपने स्तर पर उठा रही है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी अपने सोशल मीडिया अकाउंट से उन डॉक्टरों और नर्सों की आवाज को उठा रहे हैं, जो परेशान हैं और पीपीई की मांग कर रहे हैं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी लगातार पीपीई किट्स की कमी को लेकर मोदी सरकार से गुहार लगा चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने रिलीफ फंड में भेदभाव का आरोप लगाया है। दिल्ली के पास अब तीन दिनों का ही पीपीई स्टॉक बचा है।

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