बड़ी खबर! आमरण अनशन कर रहे उपेन्द्र कुशवाहा, समर्थकों ने किया जमकर हंगामा
बड़ी खबर बिहार से है, जहां रालोसपा के कार्यकर्ताओं ने अपने नेता की मांग के समर्थन में बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा के घर को ना सिर्फ घेर लिया बल्कि घर के बाहर लगी नेम प्लेट पर कालिख भी पोत दी।
पटना: हाल ही में बीते देश के दो बड़े राज्यों में विधानसभा (महाराष्ट्र और हरियाणा) को लेकर बाजार काफी गर्म था, महाराष्ट्र की राजनीति का हल निकलने में 1 महिने से भी ज्यादा का वक्त लग गया, खबर है कि झारखण्ड में भी आगामी विधानसभा को लेकर राजनीतिक पार्टीयां तैयारी शुरू कर दी है।
इसी बीच बड़ी खबर बिहार से है, जहां रालोसपा के कार्यकर्ताओं ने अपने नेता की मांग के समर्थन में बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा के घर को ना सिर्फ घेर लिया बल्कि घर के बाहर लगी नेम प्लेट पर कालिख भी पोत दी।
यह है पूरा मामला...
सूचना मिलते ही थोड़ी देर बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने रालोसपा कार्यकर्ताओं को खदेड़ कर दूर भगाया। बिहार के नवादा और औरंगाबाद में दो केन्द्रीय विद्यालय बनाने की मांग को लेकर पूर्व केन्द्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के सुप्रीमो उपेन्द्र कुशवाहा इन दिनों अनशन पर हैं, 26 नवंबर को मांग के समर्थन में पटना के मिलर स्कूल ग्राउंड में कार्यकर्ताओं के साथ अनशन पर बैठने वाले कुशवाहा को महागठबंधन के अन्य दलों का भी समर्थन है।
आपको बताते चलें कि पिछले चार दिन से अनशन पर बैठे रालोसपा प्रमुख की तबियत भी खराब होने लगी है, लेकिन ताज्जुब की बात है कि सरकार के किसी भी नुमाइंदे ने उनकी स्थिति जानने की कोशिश नहीं की,, जबकि अपने नेता की तबियत बिगड़ने के बाद समर्थकों ने भी हंगामा काट दिया है।
तबियत बिगड़ने से लेकर समर्थकों ने किया हंगामा...
बताया जा रहा है कि चौथे दिन तबियत ज्यादा खराब होने पर प्रशासन की ओर से एंबुलेंस भेजकर उन्हे पीएमसीएस में भर्ती कराया गया, लेकिन अनशन स्थल से उन्हें अस्पताल ले जाने में प्रशासन के पसीने छूट गए।
कार्यकर्ताओं का हुजूम इस कदर हावी हो गया था कि उन्हें अस्पताल ले जाने नहीं दे रहा था, जांच के बाद डॉक्टर ने बताया कि उनका बल्ड प्रेशर हाई है और पल्स रेट कम है, वहीं दूसरी तरफ रालोसपा के कार्यकर्ता की मानें तो हाल ही में कुशवाहा को पीलिया भी हो चुका है।
ऐसे में बीपी बढ़ने से उन्हें अन्य तरह की तकलीफ भी हो सकती है, इसके बाद उपेन्द्र कुशवाहा का हाल जानने के साथ उनके समर्थन में शरद यादव भी अनशन स्थल पर पहुंचे।
बताया जा रहा है कि इसके पहले राजद, कांग्रेस और 'हम' के नेता भी अनशन कर रहे रालोसपा प्रमुख के समर्थन में धरनास्थल पर बैठ चुके हैं, जबकि शुक्रवार को शरद यादव के अलावा वीआईपी पार्टी प्रमुख मुकेश सहनी भी शामिल हो गए।
रालोसपा ने की ये मांग...
रालोसपा प्रमुख ने सरकार से कुछ प्रमुख मांग करते हुए कहा है कि जब राज्य सरकार को जमीन और पैसे खर्च नहीं करने हैं, तो नीतीश सरकार नवादा और औरंगाबाद के देवकुंड में केन्द्रीय विद्यालय की इजाजत क्यों नहीं दे रही है।
बता दें कि शुक्रवार को रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने एक पत्र भी दिखाया, जिसमें देवकुंड में बनने वाले केन्द्रीय विद्यालय के लिए जमीन को एक मठ ने दान दिया है, जबकि उस जमीन की रजिस्ट्री बिहार सरकार के ही अधिकारी ने राज्यपाल के नाम करा दी है।
उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा ये...
हालांकि इस मामले में राज्य सरकार का तर्क है कि बिहार सरकार ने 2007 में ही यह निर्णय लिया था कि केन्द्रीय स्कूल के लिए सरकार जमीन उपलब्ध नहीं कराएगी, सरकार के इस तर्क पर उपेन्द्र कुशवाहा का कहना था कि जब ऐसा निर्णय सरकार ने लिया था, तब कैसे 2017 में बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के ही सचिव ने केन्द्र सरकार को जमीन के लिए पत्र लिखा था।
शिक्षा मंत्री ने लगाये विभिन्न आरोप...
बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा बिहार में दो केंद्रीय विद्यालय बनाने की मांग को लेकर रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के अनशन को सरकार ने राजनीतिक कदम बताया।
उन्होंने कहा कि अब चुनाव का वक्त नजदीक आ रहा है, लिहाजा उपेंद्र कुशवाहा शिक्षा का मामला उठा रहे हैं, अगर वह शिक्षा को लेकर गंभीर होते तो केंद्रीय मंत्री रहते ही बिहार में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए काम करते।
बिहार के वर्तमान शिक्षा मंत्री ने बताया कि वो खुद उपेंद्र कुशवाहा को कह चुके थे कि बिहार में बेहतर शिक्षा को लेकर उनके साथ बैठकर बात करें. शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि तब केंद्रीय मंत्री रहने के बावजूद उन्होंने कभी बिहार के शिक्षा मंत्री के साथ शिक्षा व्यवस्था पर बात नहीं की और अब राजनीति कर रहे हैं।
यही नहीं, कुशवाहा पर सत्ता पक्ष की ओर से यह भी कहा गया कि वो ये सारी कसरत सिर्फ महागठबंधन में बड़े नेता के तौर पर उपस्थिति दर्ज कराने के लिए कर रहे हैं।
सत्ता पक्ष के इस बात का जबाब भी उपेन्द्र कुशवाहा ने यह कह कर दिया था कि अगर यह मान भी लिया जाये तो सत्ता में बैठे लोगों को क्यों कष्ट हो रहा है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार में शिक्षा व्यवस्था इतनी चरमरा गयी है कि इससे उबरने में सालों-साल लग जाएंगे, बावजूद इसके नीतीश कुमार के कान पर जूं तक नही रेंग रही।
रालोसपा प्रमुख ने कहा कि नीतीश कुमार जितना चाहे उपेन्द्र कुशवाहा को तकलीफ दें, कम से कम बिहार के गरीबों के बच्चे-बच्चियों के लिए बनने वाले स्कूल पर तो अडंगा नहीं लगाएं।
कुशवाहा की ये हैं प्रमुख मांगें...
केन्द्रीय मंत्री रहते उपेन्द्र कुशवाहा ने महागठबंधन की सरकार और नीतीश सरकार से शिक्षा में सुधार के लिए 25 सूत्रीय मांग की थी, इसके साथ ही आपको बता दें कि रालोसपा प्रमुख की ओर से कहा गया था कि अगर उनकी 25 सूत्रीय उपाय को सरकार लागू करे तो बिहार के शिक्षा व्यवस्था में आमुलचूल परिवर्तन दिखने लगेगा, लेकिन आंदोलन के बावजूद सरकार ने रालोसपा की मांग को कोई तवज्जो नहीं दी।
प्रमुख मांगे मुख्य हैं...
- 01. विद्यालयों में बीपीएससी के तर्ज पर आयोग के जरिए शिक्षकों की हो बहाली।
- 02. विभिन्न स्तर पर शिक्षकों की हो नियुक्ति।
- 03. शिक्षकों की पात्रता के लिए ऑनलाइन व्यवस्था हो।
- 04. 2003 और उसके बाद के शिक्षकों का पुर्नमूल्यांकन हो।
- 05. राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद के निर्धारित मानकों पर शिक्षकों की हो बहाली।
- 06. प्राथमिक विद्यालयों में भी कम से कम एक विज्ञान का शिक्षक हो।
- 07. सभी स्तरों पर नियुक्त शिक्षकों को समान वेतन।
- 08. उर्दू पढ़ाने वाले शिक्षकों की नियुक्ति हो।
- 09. शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों से पूर्णत मुक्त रखा जाए।
- 10. सभी स्कूलो में छात्र-शिक्षक के लिए बायोमेट्रिक व्यवस्था।
- 11. प्रयोगशाला और पुस्तकालय की व्यवस्था।
- 12. सभी कक्षा में बच्चों के मूल्यांकन पर प्रोन्नति।
- 13. 75 फीसदी उपस्थिति पर ही परीक्षा की अनुमति।
- 14. मिड-डे-मील से शिक्षकों को दूर रखा जाए।
- 15. सत्र शुरू होने से पहले छात्रों को पुस्तक मिले।
- 16. RTE के तहत 25 फीसदी बच्चों का नामांकन।
- 17. प्राइवेट स्कूल की मनमानी रोकने के विशेष उपाय।
- 18. शिक्षकों की उपस्थिति को आधार से लिंक कर बायोमेट्रिक व्यवस्था।
- 19. विधालय, महाविद्यालय को समय पर अनुदान।
- 20. संबद्न प्राप्त विद्यालय,महाविद्यालय में शिक्षक बहाली में आरक्षण रोस्टर।
- 21. तकनीकी और अन्य शिक्षण संस्थान में कर्मचारी की बहाली।
- 22. छात्र संघ का चुनाव समय पर हो।
- 23. राज्य से बाहर पढ़ने वाले एसटी,एससी,पिछड़ा,अतिपिछडा को छात्रवृति समय पर दी जाए।
- 24. विद्यालय,महाविद्यालय में व्यवसायिक शिक्षकों की बहाली हो।
- 25. मदरसा का आधुनिकीकरण अविलंब हो।