Road Accidents in Summer: बरसात और कोहरे में नहीं बल्कि गर्मियों में होते हैं अधिक सड़क हादसे, ये है वजह
Road Accidents in Summer: सड़क हादसों को लेकर लोगों के बीच आम धारणा है कि ये बरसात और सर्दियों के मौसम में ज्यादा होता है। लेकिन यह धारणा हकीकत से कोसों दूर है।
Road Accidents in Summer: भारत दुनिया में सड़क हादसों की संख्या के मामले में दूसरे नंबर है। जबकि इन हादसों में मरने वाले लोगों की संख्या के मामले में पहले पायदान पर है। देश में एक साल में जितने लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाते हैं, उतनी मौतें किसी युद्धग्रस्त क्षेत्र में भी नहीं होतीं। ये मानना खुद केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का है। आए दिन एक से बढ़कर एक सड़क हादसों से जुड़ीं खबरें आती रहती हैं।
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आज यानी मंगलवार 11 जुलाई की सुबह ही गाजियाबाद में एक भीषण सड़क हादसा हुआ, जिसमें पांच लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। सड़क हादसों को लेकर लोगों के बीच आम धारणा है कि ये बरसात और सर्दियों के मौसम में ज्यादा होता है। लेकिन यह धारणा हकीकत से कोसों दूर है। कई रिपोर्ट्स जिसमें केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के रिपोर्ट भी शामिल हैं, ये बताते हैं कि सड़क हादसे गर्मियों में अचानक बढ़ जाते हैं। इसके पीछे की वजह को भी बताया गया है, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
गर्मियों में क्यों बढ़ जाते हैं हादसे
विशेषज्ञों के मुताबिक, मई माह में अधिकांश स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां शुरू हो जाती हैं। इस समय बड़ी संख्या में लोग अपने परिवार के साथ घूमने के लिए निकल जाते हैं। इस वजह से सड़कों पर ट्रैफिक बढ़ जाता है और हादसे होते हैं। इसके अलावा हादसे के पीछ लोगों की मानसिकता भी एक बड़ी वजह है। बरसात और कोहरे के दौरान लोग संभलकर चलाते हैं क्योंकि उन्हें जोखिम का अंदाजा रहता है। लेकिन गर्मियों में मौसम साफ होने के कारण वे लापरवाह हो जाते हैं और गाड़ी को तेज रफ्तार में भगाना शुरू कर देते हैं, जो अंततः दुर्घटना का कारण बनती है।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़े भी इस बात की तस्दीक करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, बरसात की तुलना में गर्मी में 15 से 20 फीसदी हादसे अधिक हुए हैं। वहीं, अगर तुलना कोहरे के समय से की जाए तो भी ये आंकड़ा 2 से 3 फीसदी ज्यादा है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में सबसे अधिक सड़क हादसे मई और जनवरी महीने में होते हैं। मई माह में हादसे की संख्या भी अधिक है और उसमें हताहत होने वाले लोगों की भी।
2019 में सड़क हादसे और मौत
मई – 41190 हादसे, 14644 मौत
जनवरी – 41130 हादसे, 13688 मौत
2018 में सड़क हादसे और मौत
मई – 42730 हादसे, 14368 मौत
जनवरी – 41780 हादसे, 13196 मौत
2017 में सड़क हादसे और मौत
मई – 42799 हादसे, 14417 मौत
जनवरी – 39824 हादसे, 12416 मौत
स्वास्थ्य कारण भी गर्मियों में बनते हैं हादसे की वजह
गर्मियों में सड़क हादसों की संख्या में बढ़ोतरी के पीछे स्वास्थ्य वजहें भी हैं। जानकारों की मानें तो गर्मी में अधिक पसीना निकलने की वजह से बीपी या मधुमेह पीड़ित लोगों में बेचैनी की समस्या बढ़ जाती है। सामान्य तौर पर स्वस्थ लोग भी अत्यधिक पसीना निकलने के कारण परेशान होने लगते हैं। लोगों के सामने अंधेरा पसरने लगता है। ऐसे में लोगों का दिमागी संतुलन बिगड़ जाता है। गर्मियों में बाइक सवार ज्यादा हादसे के शिकार होते हैं।
तीन माह में ऐसे बढ़ा हादसे का ग्राफ
एक मीडिया रिपोर्ट् के मुताबिक, इस साल मार्च में यूपी में 24 सड़क हादसे दर्ज किए गए। अप्रैल में ये आंकड़ा बढ़कर 32 हो गया। अगले माह यानी मई में ये आंकड़ा और बढ़कर 43 पर पहुंच गया। फिलहाल जून के आंकड़े सामने नहीं आए हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि जैसे – जैसे पारा चढ़ता है, सड़क हादसे की घटनाएं भी बढ़ती हैं।
देश में कितने लोग गंवाते हैं जान ?
बीते साल यानी 2022 में केंद्रीय सड़क परिवहन म़ंत्रालय ने देश में होने वाले सड़क हादसों का आंकड़ा पेश किया था। मंत्रालय के मुताबिक, साल 2021 में देश में 4.22 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 1.73 लाख लोगों की जान चली गई। इस तरह के हादसों में सबसे अधिक यूपी में 24,711 और तमिलनाडु में 16,685 लोगों की मौत हुई।