Russia Ukraine War : रूस-यूक्रेन जंग में भारतीय नागरिक की मौत, विदेश मंत्रालय ने उठाई ये मांग

Russia Ukraine War : विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमें केरल के एक भारतीय नागरिक की दुर्भाग्यपूर्ण मौत के बारे में पता चला है, जिसे जाहिर तौर पर रूसी सेना में सेवा देने के लिए भर्ती किया गया था।;

Newstrack :  Network
Update:2025-01-14 18:42 IST
रूस-यूक्रेन वॉर (Pic - Social Media)

Russia Ukraine War : रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में एक और भारतीय नागरिक की मौत हो गई है। इसे लेकर विदेश मंत्रालय ने रूप से कहा कि सेना में सेवारत सभी भारतीय नागरिकों को तुरंत रिया किया जाए। बता दें कि रूस में अब तक भारतीय नागरिकों के मरने वालों की संख्या 10 हो गई है। रिपोर्टों में कहा गया है कि त्रिशूर जिले के कुट्टानेल्लूर के मूल निवासी बिनिल बाबू (31) यूक्रेन के साथ लड़ाई में मारे गए। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी पिछले साल दो बैठकों में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ इस मामले को उठाया था।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमें केरल के एक भारतीय नागरिक की दुर्भाग्यपूर्ण मौत के बारे में पता चला है, जिसे जाहिर तौर पर रूसी सेना में सेवा देने के लिए भर्ती किया गया था। उन्होंने कहा कि एक अन्य भारतीय नागरिक घायल हो गया है, जिनका मॉस्को के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। इस मामले को मॉस्को में रूसी अधिकारियों और नई दिल्ली में रूसी दूतावास के साथ मंगलवार को "दृढ़ता से उठाया गया"।

भारतीय नागरिकों को वापस भेजा जाए

उन्होंने कहा कि हमने शेष भारतीय नागरिकों की जल्द से जल्द छुट्टी की अपनी मांग को भी दोहराया है। उन्होंने इस बात का ब्योरा दिए बिना कहा कि वर्तमान में कितने भारतीय रूसी सेना में सेवा कर रहे हैं। जायसवाल ने कहा कि हम रूसी अधिकारियों के साथ मिलकर पार्थिव शरीर को भारत लाने के लिए काम कर रहे हैं। हमने घायल व्यक्ति को भी जल्दी छुट्टी देने और भारत वापस भेजने की मांग की है।

विदेश मंत्रालय ने मृतक के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और कहा कि मॉस्को में भारतीय दूतावास रूसी सेना में सेवारत नागरिकों के परिवारों के संपर्क में है और हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है। भारतीय अधिकारियों ने पिछले अक्टूबर में कहा था कि रूसी सेना द्वारा भर्ती किए गए कुल 85 भारतीय नागरिकों को छुट्टी दे दी गई है और अधिकारी अन्य 20 नागरिकों की रिहाई के लिए काम कर रहे हैं।

भारतीयों को गुमराह किया गया

रूसी सेना में सेवारत कुछ भारतीयों की रिहाई रोक दी गई थी, क्योंकि रूस के रक्षा मंत्रालय ने सैन्य सेवा के लिए उनके अनुबंधों को रद्द नहीं किया था। नई दिल्ली में रूसी दूतावास ने पिछले साल कहा था कि अप्रैल 2024 में रूस के सशस्त्र बलों में भारतीयों की भर्ती रोक दी गई थी और अधिकारी उन लोगों की जल्द से जल्द छुट्टी सुनिश्चित कर रहे थे जिन्होंने स्वेच्छा से सैन्य सेवा के लिए अनुबंध किया था।

भारतीय पक्ष ने तर्क दिया है कि रूसी सेना में भर्ती किए गए कई भारतीयों को बेईमान भर्ती एजेंटों द्वारा गुमराह किया गया या धोखा दिया गया। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पिछले साल भारतीयों की भर्ती में उनकी कथित भूमिका के लिए 19 व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया और कई गिरफ्तारियां कीं।

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