विदेश मंत्री जयशंकर ने माइक पोम्पियो से की मुलाक़ात, कश्मीर मुद्दे पर दिया ये बयान
ट्रंप ने ओवल ऑफिस में प्रधानमंत्री खान के साथ अपनी बैठक के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा था कि, ‘‘यदि मैं मदद कर सकता हूं, तो मैं एक मध्यस्थ होना पसंद करूंगा। अगर मैं मदद करने के लिए कुछ भी कर सकता हूं, तो मुझे बताएं।’’
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ‘कश्मीर पर मध्यस्थता’ के विवादित बयान के बीच बैंकॉक में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर की आज मुलाक़ात हुई। इस दौरान दोनों राष्ट्रों के प्रतिनिधियों के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई।
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इस मुलाक़ात के दौरान एस. जयशंकर ने माइक पोम्पियो से कहा कि कश्मीर मुद्दा भारत-पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मसला। उन्होंने माइक पोम्पियो को यह भी साफ तौर पर बताया कि अगर कभी भारत और पाकिस्तान के बीच ‘कश्मीर पर मध्यस्थता’ पर बातचीत होगी तो यह द्विपक्षीय वार्ता होगी।
एस. जयशंकर ने दिया बयान
मालूम हो, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक बार फिर कश्मीर मुद्दे पर बात छेड़ने के बाद एस. जयशंकर का ये बयान आया है। बता दें, डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे को लेकर एक बार फिर विवादित बयान दिया है। उन्होने कहा कि भारत चाहे तो वह मध्यस्थता के लिए तैयार हैं।
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पाकिस्तान के पीएम इमरान खान और डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते मुलाक़ात की थी। इस मुलाक़ात का हवाला देते हुए ट्रंप ने कहा कि दोनों देशों के बीच कश्मीर मुद्दे को लेकर बात हुई है। जहां पाकिस्तान ने ट्रंप की इस पेशकश का स्वागत किया है, वहीं भारत ने इसे सिरे से नकार दिया है।
क्या बोले थे डोनाल्ड ट्रंप ?
ट्रंप ने कहा था कि, ‘‘मैं दो हफ्ते पहले प्रधानमंत्री मोदी के साथ था और हमने इस विषय (कश्मीर) पर बात की थी। और उन्होंने वास्तव में कहा, ‘क्या आप मध्यस्थता या मध्यस्थ बनना चाहेंगे?’ मैंने कहा, ‘कहाँ?’ (मोदी ने कहा) ‘‘कश्मीर।’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्योंकि यह कई वर्षों से चल रहा है। मुझे आश्चर्य है कि यह कितने लंबे समय से चल रहा है।’’ ट्रंप ने कहा कि यदि दोनों देश कहेंगे तो वह मदद के लिए तैयार हैं।
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ट्रंप ने ओवल ऑफिस में प्रधानमंत्री खान के साथ अपनी बैठक के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा था कि, ‘‘यदि मैं मदद कर सकता हूं, तो मैं एक मध्यस्थ होना पसंद करूंगा। अगर मैं मदद करने के लिए कुछ भी कर सकता हूं, तो मुझे बताएं।’’