S Jaishankar: जयशंकर बोले-निज्जर की हत्या कनाडा की आंतरिक राजनीति का मामला, भारत का इसमें कोई लेना-देना नहीं

S Jaishankar: विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि कनाडा में सत्तारूढ़ पार्टी के पास संसद में बहुमत नहीं है और कुछ दल खालिस्तान समर्थक नेताओं पर निर्भर हैं।

Update: 2024-05-05 02:32 GMT
S Jaishankar(photo: social media)

Bhubaneswar:  भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कनाडा के अरोपों पर पलटवार किया है। उन्होंने एक बार फिर साफ तौर पर स्पष्ट किया है कि खालिस्तान समर्थक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर कनाडा में जो कुछ भी हो रहा है वह उनकी आंतरिक राजनीति के कारण है। इस हत्याकांड का भारत से कोई लेना-देना नहीं है।

जयशंकर ने यह टिप्पणी कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रूदो द्वारा भारत की आलोचना पर पूछे गए सवाल पर की है। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, खालिस्तान समर्थकों का एक वर्ग कनाडा के लोकतंत्र का इस्तेमाल कर वहां एक लॉबी बना रहा है। वह एक वोट बैंक बन गया है। कनाडा में सत्तारूढ़ पार्टी के पास संसद में बहुमत नहीं है और कुछ दल खालिस्तान समर्थक नेताओं पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा, हमने उन्हें कई बार समझाया है कि वे ऐसे लोगों को वीजा, वैधता या राजनीतिक स्थान न दें जो भारत-कनाडा रिश्ते के लिए भी समस्या पैदा कर रहे हैं। लेकिन कनाडा ने कुछ नहीं किया।

कनाडा पुलिस ने खालिस्तान समर्थक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के कथित तीनों हत्यारों की पहचान उजागर करते हुए उनकी तस्वीरें जारी की हैं। इनकी पहचान करण बरार (22), कमलप्रीत सिंह (22) और करणप्रीत सिंह (28) के रूप में हुई है। ये तीनों भारतीय नागरिक हैं और कनाडा के एडमंटन में रहते हैं। इनके खिलाफ हत्या और हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने इन्हें शुक्रवार को गिरफ्तार किया था।

नोट पर नक्शाः नेपाल का फैसला एकतरफा

नेपाल में 100 रुपये के नोट पर भारतीय क्षेत्रों के साथ नया नक्शा छापने के फैसले पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, काठमांडो का यह फैसला एकतरफा है। दोनों देशों में सीमा पर वार्ता जारी है। हमने नक्शा संबंधी रिपोर्ट देखी है। नेपाल यथास्थिति को नहीं बदल सकता है।

 मानव संसाधनों से समृद्ध राज्य विकास में पिछड़ रहा है

एस जयशंकर ने कहा कि ओडिशा को ऐसी उर्जावान और प्रतिबद्ध सरकार की जरूरत है जो केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के साथ एक साझेदार की तरह काम करे। उन्होंने आरोप लगाया कि प्राकृतिक और मानव संसाधनों से समृद्ध राज्य विकास में पिछड़ रहा है। उन्होंने कहा, ओडिशा के पास जितने संसाधन हैं, उतना विकास नहीं किया है। राज्य में विनिर्माण का ज्यादा विकास नहीं हुआ है। इसलिए इसे उर्जावान और प्रतिबद्ध सरकार की जरूरत है जो केंद्र में मोदी सरकार की सहयोगी के रूप में काम कर सके।

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