Karnataka New CM: एस. सिद्धारमैया बनेंगे कर्नाटक के मुख्यमंत्री, कल हो सकता है शपथ समारोह
Karnataka New CM: कर्नाटक सीएम पद की रेस में साल 2013 की तरह एकबार फिर वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम एस सिद्धारमैया अपने प्रतिद्वंदियों पर भारी पड़ रहे हैं। कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाने का मन बना लिया है।
Karnataka New CM: कर्नाटक में विराट जीत के साथ सत्ता में वापसी करने वाली कांग्रेस के सामने मुख्यमंत्री किसे बनाए जाए, ये सबसे बड़ी चुनौती है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की तरह कांग्रेस यहां भी दो ताकतवर नेताओं के बीच वर्चस्व की जंग से जूझ रही है। साल 2018 में पार्टी ने जो निर्णय इन राज्यों में लिए थे, उसका खामियाजा वो आज भुगत रही है। इसलिए इसबार पूरी सावधानी से फैसले लिए जा रहे हैं। कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कर्नाटक में सीएम पद पर किसे बैठाया जाएगा, इसको लेकर आलाकमान ने फैसला कर लिया है।
जानकारी के मुताबिक, कर्नाटक सीएम पद की रेस में साल 2013 की तरह एकबार फिर वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम एस सिद्धारमैया अपने प्रतिद्वंदियों पर भारी पड़ रहे हैं। कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाने का मन बना लिया है। इस फैसले से सीएम पद के अन्य प्रबल दावेदार और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार को अवगत करा दिया गया है। बताया जा रहा है कि कुछ शर्तों के साथ उन्होंने भी अपनी हामी भर दी है।
विधायकों के बीच सिद्धारमैया को ज्यादा समर्थन
14 मई की शाम राजधानी बेंगलुरू में कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक हुई थी। जिसमें सीएम पद को लेकर गुप्त मतदान हुआ था। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, इसमें बाजी सिद्धारमैया के हाथ लगी। उनके समर्थन में 85 विधायकों ने वोट किया था। जबकि डीके शिवकुमार को महज 45 विधायकों का समर्थन मिला। इसी तरह 6 विधायकों ने आलाकमान के पक्ष में अपना मत दिया।
डीके शिवकुमार को क्या कह कर राजी किया गया?
कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार और मुख्यमंत्री पद के बीच सबसे बड़ी बाधा बनी है, प्रवर्तन निदेशालय के वो मामले, जिसे लेकर वे जेल की हवा खा चुके हैं। शिवकुमार से ये कहा गया है कि उनके खिलाफ ईडी के मामले हैं, ऐसे में अगर वे सीएम बनते हैं तो केंद्र निश्चित तौर पर उन्हें निशाना बनाने की कोशिश करेगा। इससे राज्य में सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा हो जाएगी। ऐसे में इस स्थिति से बचने के लिए उन्हें फिलहाल मुख्यमंत्री पद से दूर रहना चाहिए।
कांग्रेस के सूत्रों ने ये कहा है कि डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम के साथ-साथ कई अहम मंत्रालय देने का ऑफर दिया गया है। गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले शिवकुमार ने पार्टी के इस प्रस्ताव को मान लिया है। लेकिन उन्होंने पार्टी को इससे भी अवगत करा दिया है कि वो कोई दूसरा डिप्टी सीएम नहीं चाहते हैं। बता दें कि राजधानी बेंगलुरू में सीएम पद को लेकर दोनों नेताओं के बीच पोस्टरबाजी जारी है। दोनों के समर्थक अपने-अपने नेताओं को अगला सीएम पता जगह-जगह पोस्टर चस्पा कर दिए हैं।
कांग्रेस इस फॉर्मूले पर कर रही विचार?
दरअसल, कांग्रेस पार्टी चाहती है कि अगले आम चुनाव यानी 2024 तक एक ओबीसी सीएम के साथ-साथ सरकार में अन्य तीन प्रभावशाली जातियों से एक-एक डिप्टी सीएम हो। सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस शिवकुमार के जरिए वोक्कालिगा, एमबी पाटिल के जरिए लिंगायत और जी परमेश्वर के जरिए दलित समुदाय को साधना चाहती है। पूर्व सीएम सिद्धारमैया ओबीसी समुदाय कुरबा से आते हैं। ऐसे में कांग्रेस अपने इस फॉर्मूले को लागू कर पाती है या नहीं देखना दिलचस्प होगा।
सिद्धारमैया शुरू से रहे हैं मजबूत दावेदार
कर्नाटक की राजनीति में आज की तारीख में दो ही लीडर को व्यापक जनाधार वाला माना जाता है। इनमें एक हैं बीजेपी के कद्दावर लिंगायत नेता बीएस येदियुरप्पा। बढ़ती उम्र के कारण वो सक्रिय राजनीति से लगभग दूर हो चुके हैं। संभवतः हालिया चुनाव उनका आखिरी चुनाव था।
वहीं, दूसरे नेता है पूर्व सीएम सिद्धारमैया। सिद्धारमैया ओबीसी, दलित और मुस्लिम वर्गों में काफी लोकप्रिय हैं। राज्य में कांग्रेस की चुनावी सफलता के पीछे उनकी लोकप्रियता का बड़ा योगदान है। उनकी उम्र भी काफी हो चुकी है, चुनाव के दौरान ही उन्होंने कह दिया था कि ये उनका आखिरी चुनाव है। उनकी लोकप्रियता को देखते हुए शुरू से ही माना जा रहा था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो वो ही सीएम होंगे, जो अब हकीकत बनता नजर आ रहा है। बता दें कि सिद्धारमैया 1988 के बाद राज्य के पहले ऐसे सीएम हैं जिसने अपना पांच साल का कार्यकाल (2013-18) पूरा किया था।