Sahara Group Case: इस चिठ्ठी के कारण सुब्रत रॉय को जाना पड़ा था जेल, इसके पीछे की वजह थी रोशन लाल
Sahara Group Case: रोशन लाल की एक चिठ्ठी ने सहारा समूह में चल रही गड़बड़ी को उजागर कर दिया और सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।
Sahara Group Case: सहारा परिवार कभी भारत के शक्तिशाली व्यापारिक घरानों में से एक था। सहारा समूह का कारोबार रियल स्टेट से लेकर मीडिया समेत कई क्षेत्रों में फैला हुआ है। सहारा समूह कई सालों तक भारतीय क्रिकेट टीम का भी स्पांसर रहा है। सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय की सत्ता के गलियारों में तूती बोलती थी। लेकिन, फिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि इतने ज्यादा ताकतवर और प्रभावशाली सुब्रत रॉय को जेल की हवा खानी पड़ी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रोशन लाल की एक चिठ्ठी ने सहारा समूह में चल रही गड़बड़ी को उजागर कर दिया। इसीलिए आज इस रिपोर्ट में जानेंगे कि आखिर में उस चिठ्टी में क्या लिखा और क्यों लिखा था।
जानें रोशन लाल ने चिठ्ठी में क्या लिखा था?
मीडिया रिपोर्ट के चिठ्ठी लिखने वाले रोशन लाल ने दावा किया है कि वह मध्यप्रदेश के इंदौर में रहता है और पेशे से चार्टेड एकाउंटेंट है। रोशनलाल नाम ने 4 जनवरी 2010 को नेशनल हाउसिंग बैंक को एक चिठ्ठी लिखी थी। जिसमें रोशनलाल ने नेशनल हाउसिंग बैंक से सहारा समूह की दो कंपनियां सहारा इंडिया रियल स्टेट कार्पोरेशन और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन द्वारा जारी बांडों की जांच करने के लिए कहा था। रोशन लाल ने कहा कि बड़ी संख्या में लोगों ने सहारा समूह की कंपनियों के बांड खरीदे थे, लेकिन बांडो को जारी करते समय नियमों की अनदेखी की गई थी, नियमानुसार जारी नहीं किए गये थे।
सुब्रत रॉय किन आरोपों में जेल गए
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल हाउसिंग बैंक के पास सहारा समूह की जांच करने का अधिकार नहीं था, इसलिए उन्होने यह चिठ्ठी कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी को भेज दी। चिठ्ठी भेजने के एक महीने के बाद सेबी को अहमदाबाद के भी एक ग्रुप ने इसी तरह का लेटर भेजा। जिसके बाद सेबी ने 24 नवंबर 2010 को सहारा ग्रुप के किसी भी रुप में जनता से पैसा जुटाने पर पाबंदी लगा दी। जिसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा ग्रुप को आदेश दिया कि निवेशकों के पैसे 15 फीसदी सालाना ब्याज के साथ लौटाए जाएं। उस समय ये रकम 24,029 करोड़ हुई थी। लेकिन सहारा समूह निवेशकों के पैसे वापस नहीं किए तो कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को जेल भेज दिया। सुब्रत राय दो साल से भी ज्यादा का वक्त जेल में बिता चुके हैं। वह 6 मई 2017 से पेरोल पर हैं।