Sam Pitroda: अब सैम पित्रोदा ने भारत में विरासत टैक्स का छेड़ा राग, बीजेपी ने बोला हमला

Sam Pitroda: कांग्रेस नेता ने कहा कि अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है। शख्स के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है। उसके मरने के बाद 45 फीसदी संपत्ति उसके बच्चों को ट्रांसफर हो जाती है।

Written By :  Ashish Kumar Pandey
Update: 2024-04-24 07:01 GMT

सैम पित्रोदा और अमित मालवीय   (photo: social media )

Sam Pitroda Inheritance Tax Controversy: 2024 के लोकसभा चुनाव में पहले चरण के मतदान के बाद जुमानी जंग तेज होती जा रही है। अभी पीएम मोदी के संपत्ति के बंटवारे वाले बयान पर घमासान मचा ही हुआ है कि इस इस बीच इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स को लेकर बड़ा बयान दे दिया है, जिस पर अब विवाद खड़ा हो गया है। उनके इस बयान पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए हमला बोला है।

राहुल गांधी ने दिया था यह बयान

बीते दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बयान में कहा था कि अगर लोकसभा चुनाव बाद उनकी सरकार सत्ता में आई तो एक सर्वे कराया जाएगा और पता लगाया जाएगा कि किसके पास कितनी संपत्ति है। राहुल गांधी के इस बयान के बारे में जब सैम पित्रोदा से पूछा गया तो उन्होंने अमेरिका में लगने वाले विरासत टैक्स का जिक्र किया और कहा कि अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है, जिसमें सरकार 55 फीसदी हिस्सा ले लेती है। संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए। पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है। अगर किसी शख्स के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है। उसके मरने के बाद 45 फीसदी संपत्ति उसके बच्चों को ट्रांसफर हो जाती है जबकि 55 फीसदी संपत्ति पर सरकार का मालिकाना हक हो जाता है।


ये बहुत ही रोचक कानून है

उन्होंने कहा कि ये बहुत ही रोचक कानून है। इसके तहत प्रावधान है कि आपने अपने जीवन में खूब संपत्ति बनाई है और आपके जाने के बाद आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए। पूरी संपत्ति नहीं बल्कि आधी, जो मुझे सही लगता है। लेकिन भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है। यहां अगर किसी के पास 10 अरब रुपये की संपत्ति है। उसके मरने के बाद उनके बच्चों को सारी की सारी संपत्ति मिल जाती है, जनता के लिए कुछ नहीं बचता। मुझे लगता है कि इस तरह के मुद्दों पर लोगों को चर्चा करनी चाहिए। मुझे नहीं पता कि इस चर्चा का निचोड़ क्या निकलेगा। हम नई नीतियों और नए प्रोग्राम की बात कर रहे हैं, जो लोगों के हित में हो ना कि केवल अमीरों के हित में हो।

कांग्रेस के घोषणापत्र में अमीरों की संपत्ति बांटने का कहीं कोई जिक्र नहीं

सैम पित्रोदा ने कहा कि राहुल गांधी ने या कांग्रेस के घोषणापत्र में अमीरों की संपत्ति बांटने का कहीं कोई जिक्र नहीं है। बल्कि ये कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी ऐसी पॉलिसी बनाएगी, जिससे संपत्ति का समान वितरण होगा। जैसे, भारत में मिनिमम वेज नहीं है। आज क्या हो रहा है कि अमीर लोग चपरासियों या अपने हाउस हेल्प को पर्याप्त वेतन नहीं देते हैं लेकिन वे उस पैसे को दुबई या लंदन में खर्च कर देते हैं। जब आप धन के वितरण की बात करते हैं, तो ऐसा नहीं है कि आप बैठकर कहो कि मेरे पास इतना पैसा है और मैं इसे सभी में बांट दूंगा। इस तरह की सोच बेकार है।


बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा

बीजेपी प्रवक्ता अमित मालवीय ने कहा कि कांग्रेस ने देश को बर्बाद करने का फैसला कर लिया है। अब, सैम पित्रोदा 50 फीसदी विरासत टैक्स की वकालत कर रहे हैं। इसका मतलब है कि अगर कांग्रेस राज आता है तो लोगों ने कड़ी मेहनत से जितनी भी संपत्ति अर्जित की है, उसका पचास फीसदी छीन लिया जाएगा। इसके अलावा जो भी टैक्स हम देते हैं, वो भी बढ़ेगा।

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने भी सैम पित्रोदा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि परिवार के सलाहकार सच बोल रहे हैं। इनकी मंशा कड़ी मेहनत से कमाए आपके पैसे को संगठित तौर पर लूटने की है।


बीजेपी के हमले के बाद कांग्रेस का आया यह जवाब

सैम पित्रोदा के विरासत टैक्स पर दिए गए बयान के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि सैम पित्रोदा दुनियाभर में कई लोगों के मेंटर, दोस्त और गाइड रहे हैं। इनमें मैं भी शामिल हूं। उन्होंने देश के विकास में कई अहम योगदान दिए हैं। वह इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। वह खुलकर मुद्दों पर अपनी राय रखते हैं।

जयराम रमेश ने कहा कि लोकतंत्र में हर शख्स को उनके निजी विचारों पर चर्चा करने और अपनी राय रखने की स्वतंत्रता है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि पित्रोदा के विचार हमेशा कांग्रेस की राय से मेल खाते हो। कई बार ऐसा नहीं होता। उनकी टिप्पणी को सनसनीखेज बनाकर पेश किया जा रहा है। प्रधानंमत्री मोदी के दुर्भावनापूर्ण चुनावी कैंपेन से ध्यान भटकाने के लिए जानबूझकर पित्रोदा के बयान को गलत संदर्भ में पेश किया जा रहा है।


कहां से आई संपत्ति बांटने की बात?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि अगर उनकी सरकार सत्ता में आई तो एक सर्वे कराया जाएगा और पता लगाया जाएगा कि किसके पास कितनी संपत्ति है। राहुल ने घोषणापत्र जारी करते समय कहा था कि हिंदुस्तान में 50 प्रतिशत आबादी पिछड़े वर्ग की है। 15 प्रतिशत आबादी दलितों की है। 8 प्रतिशत आबादी आदिवासियों की है। 15 प्रतिशत आबादी माइनॉरिटी की है और 5 प्रतिशत आबादी गरीब जनरल कास्ट की है। अगर आप इन सबको मिला दें तो 90 प्रतिशत से ज्यादा आबादी इन लोगों की बनती है। मगर आप, अगर हिंदुस्तान की संस्थाओं को देखो, इंस्टीट्यूशन्स को देखो, बड़ी-बड़ी कंपनियों को देखो, तो इनमें से आपको कोई भी उन कंपनियों में, उन इंस्टीट्यूशन में, उन संस्थाओं में नहीं दिखाई देता।

राहुल ने कहा था कि हिंदुस्तान की सबसे बड़ी 200 कंपनियों के मालिकों की लिस्ट निकालिए। उसमें आपको एक पिछड़े वर्ग का व्यक्ति नहीं मिलेगा, एक दलित नहीं मिलेगा, एक गरीब जनरल कास्ट का नहीं मिलेगा, एक माइनॉरिटी नहीं मिलेगा, एक आदिवासी नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा था कि इसलिए हमने वादा किया है कि जैसे ही हमारी सरकार आएगी, जाति जनगणना को हम पूरे देश में इम्प्लिमेंट कर देंगे। देश का एक्सरे कर देंगे, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। पिछड़े वर्ग को, दलितों को, आदिवासियों को, गरीब जनरल कास्ट के लोगों को, माइनॉरिटी को पता जाएगा कि इस देश में उनकी भागीदारी कितनी है। इसके बाद हम फाइनेंशियल और इंस्टीट्यूशनल सर्वे करेंगे। ये पता लगाएंगे कि हिंदुस्तान का धन किसके हाथों में है। कौन से वर्ग के हाथ में है और इस ऐतिहासिक कदम के बाद हम क्रांतिकारी काम शुरू करेंगे। जो आपका हक बनता है, वो हम आपके लिए आपको देने का काम करेंगे। चाहे वो मीडिया हो, ब्यूरोक्रेसी हो, हिंदुस्तान की सब संस्थाएं हो, वहां हम आपकी जगह बनाकर आपको हिस्सेदारी देंगे।

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