EVM की बहस में सैम पित्रोदा भी कूदे, कहा- इसमें की जा सकती है छेड़छाड़, बैलेट पेपर से होना चाहिए चुनाव

Sam Pitroda: सैम पित्रोदा ने कहा ईवीएम से छेड़छाड़ की आशंका को देखते हुए बैलट पेपर से ही चुनाव कराना उचित होगा और इसी के जरिए चुनाव में हार-जीत का फैसला किया जाना चाहिए।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-06-17 08:26 GMT

Sam Pitroda   (photo: social media )

Sam Pitroda News: लोकसभा चुनाव के नतीजे की घोषणा के बाद एक बार फिर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को लेकर बहस तेज हो गई है। अब कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा भी ईवीएम से जुड़े इस विवाद में कूद पड़े हैं। उन्होंने कहा कि देश में बैलट पेपर से ही चुनाव कराया जाना चाहिए क्योंकि ईवीएम की व्यवस्था ठीक नहीं है।

उन्होंने कहा कि मैंने ईवीएम की व्यवस्था का पूरा अध्ययन किया है और मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि यह व्यवस्था ठीक नहीं है और इसमें छेड़छाड़ की जा सकती है। उन्होंने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ की आशंका को देखते हुए बैलट पेपर से ही चुनाव कराना उचित होगा और इसी के जरिए चुनाव में हार-जीत का फैसला किया जाना चाहिए।

बैलट पेपर से होना चाहिए चुनाव

कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा पूर्व में भी कई विवादित बयान देकर कांग्रेस की किरकिरी करा चुके हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अमेरिका और कुछ अन्य देशों की तरह विरासत कर का प्रस्ताव रखकर कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी थीं। अब उन्होंने देश में ईवीएम के जरिए चुनाव कराए जाने पर सवाल उठाया है।

इलेक्ट्रॉनिक और टेलीकॉम सेक्टर के बड़े जानकार माने जाने वाले पित्रोदा ने कहा कि मैंने करीब 60 साल तक इस सेक्टर में काम किया है। इस आधार पर मैं यह सकता हूं कि ईवीएम से छेड़छाड़ कराई जा सकती है। इसलिए बैलेट पेपर के विकल्प पर विचार किया जाना चाहिए।

पहले भी दे चुके हैं कई विवादित बयान

ईवीएम को लेकर एलन मस्क की ओर से बयान दिए जाने के बाद एक बार फिर इसे लेकर मामला गरमाया हुआ है। पित्रोदा ने कहा कि मैंने ईवीएम प्रणाली का सावधानीपूर्वक अध्ययन किया है और मेरा मानना है कि इसमें हेरफेर करना संभव है।

पित्रोदा ने पिछले महीने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दे दिया था।

अपनी टिप्पणियों पर विवाद बढ़ने के बाद पित्रोदा ने यह इस्तीफा दिया था। उन्होंने कहा कि बैलेट पेपर से चुनाव में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ की संभावना नहीं रहती। इसलिए बैलेट पेपर की मदद से ही चुनाव में प्रत्यक्ष किसी भी प्रत्याशी की हार-जीत तय की जानी चाहिए।

एलन मस्क ने भी उठाए थे सवाल

सैम पित्रोदा से पहले टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने भी ईवीएम को लेकर बड़ा बयान दिया था। ईवीएम से चुनाव कराए जाने पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा था कि मनुष्यों या एआई के जरिए ईवीएम को हैक किया जा सकता है। एलन मस्क की टिप्पणी के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बयान भी सामने आया था। राहुल गांधी का कहना था कि जब संस्थानों में जवाबदेही की कमी होती है, तो लोकतंत्र केवल दिखावा बनकर रह जाता है, जो धोखाधड़ी वाली गतिविधियों के लिए अतिसंवेदनशील होता है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी के अन्य नेता ईवीएम को लेकर समय-समय पर सवाल उठाते रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि भारत की चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं जताई जाती रही हैं। ईवीएम ऐसा ब्लैक बॉक्स है जिसकी जांच करने की किसी को इजाजत नहीं है।

कपिल सिब्बल ने बोला चुनाव आयोग पर हमला

इस बीच कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार पर हाल में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाने का बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भारत के चुनाव आयोग और मुख्य रूप से मुख्य चुनाव आयुक्त पर कम बोलना बेहतर है। सिब्बल ने कहा, जिस तरह से चुनाव आयोग 2014 के बाद से व्यवहार कर रहा है, सभी विपक्षी दल को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए कि क्या संवैधानिक संस्थाओं के इस तरह के रवैये से देश में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव संभव हो सकता है।

उन्होंने कहा कि विपक्ष को इस मुद्दे पर सख्त एक्शन लेना चाहिए और इस मुद्दे को काफी प्रमुखता से उठाया जाना चाहिए। संसद में विपक्ष को इस मुद्दे पर पूरी मजबूती के साथ बहस करनी चाहिए।

आयोग ने ईवीएम पर सवालों को खारिज किया

हाल में ईवीएम को लेकर उठाए जाने वाले विभिन्न सवालों को चुनाव आयोग समय-समय पर खारिज करता रहा है। चुनाव आयोग का कहना है कि एक बार फॉर्म 17 सी उम्मीदवारों को सौंप दिया जाता है और ईवीएम को स्ट्रॉन्ग रूम में जमा किया जाता है तो आंकड़ों के साथ किसी भी प्रकार छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। ऐसे में ईवीएम को लेकर सवाल खड़े किए जाने का कोई मतलब नहीं है।

आयोग ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि फॉर्म 17सी में हर मतदान केंद्र पर डाले गए मतों का रिकॉर्ड होता है। यह उम्मीदवारों या उनके एजेंटों को तब दिया जाता है जब ईवीएम को स्ट्रॉन्ग रूम में ले जाने से पहले सील कर दिया जाता है। इस कारण किसी भी प्रत्याशी को मिलने वाले मतों के आंकड़े में किसी भी प्रकार के हेरफे की कोई संभावना नहीं है।

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