Same-Sex Marriage: समलैंगिक विवाह मामले में 24 अप्रैल को सुनवाई टली, ये है कारण
Same Sex Marriage: इस मामले की सुनवाई कर रहे पांच जजों की पीठ में से दो जज सोमवार को छुट्टी पर हैं। इसलिए सोमवार को होनी वाली सुनवाई टाल दी गई है।
Same Sex Marriage: सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ पिछले कुछ दिनों से समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के मामले पर सुनवाई कर रही है। अदालत के अंदर और बाहर इस मुद्दे पर गरमागरम बहस हो रही है। एक पक्ष जिसमें केंद्र सरकार भी शामिल है, इसके खिलाफ है। वहीं, दूसरा पक्ष समलैंगिक जोड़ों को भी अन्य जोड़ों के समान अधिकार मिलने की पुरजोर वकालत कर रहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 24 अप्रैल यानी सोमवार को होनी थी। लेकिन अब यह टल गई है।
दरअसल, इस मामले की सुनवाई कर रहे पांच जजों की पीठ में से दो जज सोमवार को छुट्टी पर हैं। इसलिए सोमवार को होनी वाली सुनवाई टाल दी गई है। मालूम हो कि पांच जजों की पीठ में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस एस रविंद्र भट्ट, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा शामिल हैं। जिनमें से जस्टि एस के कौल और जस्टिस एस आर भट्ट सोमवार को नहीं रहेंगे।
पिछली सुनवाई में क्या हुआ था ?
गुरूवार को समलैंगिक विवाह के कानूनी मंजूरी के अनुरोध वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने एक दिलचस्प टिप्पणी की थी, जिसकी काफी चर्चा हुई। दरअसल, कोर्ट में इस याचिका के विरोध में बोलने वाले पक्ष ने कहा था कि विषम लैंगिकों के विपरीत समलैंगिक जोड़े अपने बच्चों की उचित देखभाल नहीं कर सकते। संविधान पीठ ने इस पर अपनी असहमति जताई थी।
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चीफ जस्टिस चंदचूड़ ने कहा कि वह ट्रोल होने के जोखिम के बावजूद इस दलील पर सहमत नहीं हैं। उन्होंन कहा कि जब विपरीत लैंगिक जोड़ा होता है और जब बच्चा घरेलू हिंसा देखता है तो क्या होता है ? क्या वह बच्चा सामान्य माहौल में बड़ा होता है ? किसी पिता का शराबी बनना, घर आकर हर रात मां के साथ मारपीट करना और शराब के लिए पैसे मांगना।