Sammed Shikhar: सम्मेद शिखर को लेकर दिल्ली-मुंबई की सड़कों पर जैन कर रहे प्रदर्शन, औवैसी बोले फैसला वापस ले सरकार

Sammed Shikhar: झारखंड में में सम्मेद शिखर सिद्ध क्षेत्र को पर्यटन स्थल घोषित करने के फैसले को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली समेत कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन चल रहा है।

Report :  Jugul Kishor
Update:2023-01-01 16:08 IST
विरोध प्रदर्शन करते जैन समुदाय के लोग (Pic: Social Media)

Sammed Shikhar: झारखंड में डूंगरपुर जिले के हथाई कस्बे में सम्मेद शिखर सिद्ध क्षेत्र को पर्यटन स्थल घोषित करने के फैसले को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली समेत कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन चल रहा है। गुजरात के पलीताणा में जैन मंदिर में भी तोड़फोड़ हुई थी। दोनों मामलों को लेकर दि्ल्ली से मुंबई तक जैन समाज सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहा है।

दिल्ली में जैन समाज के लोग प्रगति मैदान से इंडिया गेट की ओर मार्च करते हुए जा रहे हैं। उनका कहना है कि वह आज झारखंड सरकार के फैसले के खिलाफ राष्ट्रपति को ज्ञापन देंगे। प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित होने से जैन समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी। जैन समाज की मांग है कि सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल की बजाय तीर्थ स्थल घोषित किया जाए। जैन समाज के लोगों का औवैसी ने भी समर्थन किया है। उन्होने ट्वीट कर कहा है कि हम जैन समुदाय के लोगों का समर्थन करते हैं और झारखंड सरकार को इस फैसले को रद्द करना चाहिए। इसके साथ ही ओवैसी ने गुजरात के सीएम से अपील की है कि जिन आरोपियों ने पलीताणा में जैन मंदिर में तोड़फोड़ की है। 

जैन समुदाय क्यों कर रहा है विरोध

प्रदर्शन कर रहे जैन समुदाय के लोगों का कहना है कि सम्मेद शिखर को पर्यटन क्षेत्र बनाया जाता है तो पर्यटकों के आने की वजह से यहां मांस, शराब का सेवन किया जाएगा। जैन समाज के लिए अपने तीर्थक्षेत्र में ऐसे कार्य बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं है। उन्होने कहा कि जैन समाज सूर्यास्त के बाद अन्न तक नहीं खाता है। इसलिए मैं झारखंड सरकार से मांग करता हूं कि वह अपना फैसला वापस ले या फिर पर्यटन के बजाय तीर्थ स्थल घोषित करे। 

जैन समाज के लोगों का कहना है  कि 2 अगस्त 2019 को तत्कालीन झारखंड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय वन मंत्रालय ने सर्वोच्च जैन तीर्थ श्री सम्मेद शिखर को वन्य जीव अभ्यारण्य घोषित कर पर्यावरण पर्यटन और अन्य गैर धार्मिक गतिविधियों की अधिसूचना जारी की थी । इसके विरोध में विश्व जैन संगठनों केंद्रीय वन मंत्रालय और झारखंड सरकार को इस अधिसूचना को रद्द करने की मांग की थी, लेकिन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।   

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