अब भाई को बचाने सुप्रीम कोर्ट में उतरी बहन, कांग्रेस के इस कद्दावर नेता की हैं पत्नी

नेशनल कांफ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की जन सुरक्षा कानून के तहत नजरबंदी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट...

Update: 2020-03-02 12:21 GMT

नई दिल्ली। नेशनल कांफ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की जन सुरक्षा कानून के तहत नजरबंदी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 5 मार्च को सुनवाई करेगा।

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उमर की बहन सारा अब्दुल्ला पायलट की याचिका पर जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की पीठ के समक्ष सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह सारा अब्दुल्ला पायलट की याचिका पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से जवाब दाखिल करेंगे।

अटॉर्नी जनरल ने शीर्ष अदालत के एक फैसले का हवाला दिया

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने शीर्ष अदालत के एक फैसले का हवाला दिया और कहा कि नजरबंदी के मामले में याचिकाकर्ता को पहले हाईकोर्ट जाना चाहिए। पीठ ने इस याचिका को गुरुवार के लिए सूचीबद्ध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता जम्मू-कश्मीर प्रशासन के जवाब पर अपना जवाबी हलफनामा दायर कर सकती हैं।

उमर अब्दुल्ला की बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने शीर्ष अदालत में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर अपने भाई की जन सुरक्षा कानून के तहत नजरबंदी के पांच फरवरी के प्रशासन के आदेश को चुनौती दे रखी है। पायलट ने यचिका में कहा है कि नजरबंदी का आदेश गैरकानूनी है और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने में उनके भाई से किसी प्रकार का खतरा होने का सवाल ही नहीं है।

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वहीं जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष पेश किए गए हलफनामे में जोर दिया गया कि उमर की नजरबंदी वैध है और 24 फरवरी को सलाहकार बोर्ड द्वारा स्वीकृत भी है।

हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है

यह सवाल करते हुए कि उमर ने न तो एडवाइजरी बोर्ड के समक्ष अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए किसी को चुना है और न ही उन्होंने वहां हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हलफनामे में कहा गया है कि दस्तावेज स्पष्ट रूप से इंगित करते हैं, 'अतीत में हुई घटनाओं के बीच इस बात के संबंध मौजूद हैं कि इनकी गतिविधियां सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा हो सकती है।'

हलफनामे में आगे कहा गया है कि उमर 5 अगस्त, 2019 को इसके निरस्त होने से पहले ही अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बहुत मुखर आलोचक थे। आप को बता दें कि सारा पायलट राजस्थान के उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट की पत्नी हैं।

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