रेलवे में पहली बार शीर्ष पद पर दलित अधिकारी, लखनऊ और वाराणसी से रहा है सतीश कुमार का गहरा जुड़ाव

Railway Board New CEO: रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को रेलवे का सबसे बड़ा पद माना जाता है और इस पद पर पहली बार किसी दलित अधिकारी की नियुक्ति की गई है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-08-28 04:38 GMT

Satish Kumar Railway Board New CEO   (photo: social media)

Railway Board New CEO: भारतीय रेलवे में पहली बार शीर्ष पद पर किसी दलित अधिकारी की नियुक्ति की गई है। भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (आईआरएमएस) के अधिकारी सतीश कुमार को रेलवे बोर्ड का नया अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया गया है। रेलवे बोर्ड की मौजूदा अध्यक्ष और सीईओ जया वर्मा सिन्हा 31 अगस्त को रिटायर हो रही हैं जिसके बाद सतीश कुमार कार्यभार संभालेंगे।

कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) की ओर से उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी गई है। उनका लखनऊ और वाराणसी से भी गहरा जुड़ाव रहा है। वे लखनऊ मंडल में बतौर मंडल रेल प्रबंधक अपनी सेवाएं दे चुके हैं जबकि बनारस रेल कारखाना (बरेका) में भी वे तैनात रह चुके हैं।

पहली बार दलित अफसर बना रेलवे बोर्ड का अध्यक्ष

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को रेलवे का सबसे बड़ा पद माना जाता है और इस पद पर पहली बार किसी दलित अधिकारी की नियुक्ति की गई है। भारतीय रेलवे मैकेनिकल इंजीनियर्स सेवा के 1986 बैच के अधिकारी सतीश कुमार मार्च 1988 में भारतीय रेलवे की सेवा में औपचारिक रूप से शामिल हुए उनके पास 34 वर्षों का लंबा अनुभव है।

भारतीय रेलवे में अपने लंबे कार्यकाल के दौरान वे महाप्रबंधक समेत कई प्रमुख पदों पर काम कर चुके हैं। इस साल 5 जनवरी को उन्होंने रेलवे बोर्ड में सदस्य (ट्रैक्शन एवं रोलिंग स्टॉक) का कार्यभार संभाला था। अब कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उन्हें रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ के पद पर नियुक्त करने को मंजूरी दे दी है।

उत्तर प्रदेश से सतीश कुमार का गहरा जुड़ाव

1986 बैच के भारतीय रेल यांत्रिक अभियंता सतीश कुमार का उत्तर प्रदेश से गहरा जुड़ाव रहा है। उन्होंने मध्य रेलवे के झांसी मंडल से अपनी नौकरी की शुरुआत की थी। सतीश कुमार बनारस रेल कारखाना (बरेका) में उप मुख्य यांत्रिक अभियंता (योजना) के पद पर भी काम कर चुके हैं। उन्होंने उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल में भी काम किया है। वे 2017 से 2019 तक लखनऊ में मंडल रेल प्रबंधक के रूप में तैनात रहे हैं।

लखनऊ में डीआरएम के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के कई काम किए गए थे। सतीश कुमार उत्तर मध्य रेलवे, प्रयागराज में भी महाप्रबंधक के रूप में काम कर चुके हैं। जानकारों का मानना है कि सतीश कुमार के रेलवे बोर्ड का अध्यक्ष बनने से लखनऊ और वाराणसी समेत उत्तर प्रदेश की रेल परियोजनाओं को काफी गति मिलेगी।

लंबे अनुभव के बाद शीर्ष पद की जिम्मेदारी

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारतीय रेलवे में उनके व्यापक अनुभव और योगदान को देखते हुए पिछले जनवरी महीने के दौरान उन्हें एमटीआरएस नियुक्त किया गया था। रेलवे में यह एक महत्वपूर्ण पद है जो पूरे रेलवे में ट्रैक्शन और रोलिंग स्टॉक के अहम पहलुओं पर नजर रखता है। अब सतीश कुमार को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में रेलवे के सबसे शीर्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है और वे भारतीय रेलवे की विभिन्न योजनाओं का खाका तैयार करेंगे।

Tags:    

Similar News