SBI ने चुनावी बॉन्ड से जुड़ी जानकारी चुनाव आयोग को भेजी, दो दिन में होगा खुलासा...किस पार्टी को मिला कितना चंदा?

Electoral Bonds News: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार शाम तक इलेक्टोरल बॉन्ड जुड़ी सभी जानकारी चुनाव आयोग को देने के निर्देश दिए थे।

Written By :  aman
Update:2024-03-12 19:32 IST

 प्रतीकात्मक चित्र (Social Media)

Electoral Bond: भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, चुनाव आयोग (Election Commission of India) को इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधित डाटा भेज दिया है। चुनाव आयोग को यह डाटा मंगलवार (12 मार्च) शाम तक देने के लिए एसबीआई को कहा गया था। एसबीआई की तरफ से चुनावी बॉन्ड की जानकारी चुनाव आयोग को सौंपने के बाद अब दो दिनों में यह स्पष्ट हो जाएगा कि, क‍िस पार्टी को कितना चंदा मिला है।

सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) 12 मार्च को कामकाजी घंटे खत्म होने तक इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधित जानकारी चुनाव आयोग को सौंप दें। उसी के अनुसार, एसबीआई ने मंगलवार शाम साढ़े 5 बजे तक इलेक्टोरल बॉन्ड का पूरा डेटा चुनाव आयोग को भेज दिया है।

15 मार्च तक EC की वेबसाइट पर होगा अपलोड

निर्वाचन आयोग के सूत्रों की मानें तो एसबीआई ने इलेक्टोरल बॉन्ड्स की खरीद-बिक्री से जुड़ी सभी जानकारी भेज दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आंकड़े बुनियादी स्वरूप में हैं। कहने का मतलब है कि किसने, कब, कितने रुपए मूल्य के बॉन्ड किस पार्टी के पक्ष में खरीदे। हालांकि, जानकारी बिल्कुल बुनियादी है अर्थात 'रॉ इन्फोर्मेशन' है। उसे 15 मार्च तक अपनी वेबसाइट पर अपलोड करना निर्वाचन आयोग के विशेषज्ञों के लिए भी चुनौती होगी।

...तो माना जाएगा कोर्ट की अवमानना

सुप्रीम कोर्ट ने 11 मार्च को भारतीय स्टेट बैंक (Supreme Court on Electoral Bond) को चुनावी बॉन्ड के विवरण 12 मार्च तक निर्वाचन आयोग को देने का आदेश दिया था। एसबीआई को चेतावनी भी दी थी कि, इसके निर्देशों एवं समय सीमा का पालन करने में अगर वह नाकाम रहता है तो उसे कोर्ट की अवमानना माना जाएगा। अदालत उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।

क्या कहा था संविधान पीठ ने?

उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) की अगुवाई वाली पांच जजों की संविधान पीठ (SC Constitution Bench) ने विवरण का खुलासा करने के लिए समय सीमा 30 जून तक बढ़ाने संबंधी स्टेट बैंक की अर्जी खारिज कर दी। शीर्ष अदालत ने भारत निर्वाचन आयोग को भी SBI द्वारा साझा की गई जानकारी को 15 मार्च की शाम 5 बजे तक अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए थे। 

'असंवैधानिक' करार दिया

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के साथ जस्टिस संजीव खन्ना (Justice Sanjeev Khanna), जस्टिस बीआर. गवई (Justice BR. Gawai), जस्टिस जेबी. पारदीवाला (Justice JB. Pardiwala) और जस्टिस मनोज मिश्र (Justice Manoj Mishra) भी शामिल हैं। इसी पीठ ने 15 फरवरी को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए केंद्र की चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था। पीठ ने इसे 'असंवैधानिक' करार देते हुए निर्वाचन आयोग को चंदा देने वालों, चंदे के रूप में दी गई राशि तथा चंदा प्राप्तकर्ताओं का 13 मार्च तक खुलासा करने का आदेश दिया था। 

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