IAS Rajni Singh: SDM ने सामान जब्त कर लौटाया ही नहीं, कोर्ट ने लगाया जुर्माना, वारंट जारी, जानें पूरा मामला

IAS Rajni Singh: कोर्ट ने बीना थाना प्रभारी को 27 जुलाई 2024 के आदेश को तामील कर हलफनामा दाखिल करने और विपक्षी अधिकारी की 23 सितंबर 2024 को पेशी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

Newstrack :  Network
Update: 2024-08-22 02:53 GMT

IAS Rajni Singh (Pic: Social Media)

IAS Rajni Singh: मध्य प्रदेश के सागर जिले के बीना न्यायालय ने आईएस अधिकारी पर फैसला सुनाया है। समय देने के बावजूद आदेश का जानबूझकर पालन नहीं करने पर कोर्ट ने तत्कालीन बीना एसडीएम रजनी सिंह के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। साथ ही एक हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने रजनी सिंह को आरोप निर्मित करने के लिए हाजिर होने का भी निर्देश दिया है। एसडीएम के साथ ही तत्कालीन तहसीलदार मोनिका वाघमारे, कंप्यूटर आपरेटर जितेंद्र रैकवार पर भी गाज गिरी है। इन्हें भी न्यायालय में हाजिर होने का आदेश दिया गया है।

यह है पूरा मामला

खिमलासा निवासी नंदकिशोर पटवा साल 2016 में बीना के हिरनछिपा गांव में आधार कार्ड सेंटर चलाते थे। वह नगर के आचवल वार्ड में किराए का मकान लेकर रहते थे। 23 जुलाई 2016 को तत्कालीन एसडीएम आईएएस रजनी सिंह, तहसीलदार मोनिका बाघमारे और कम्प्यूटर आपरेटर जितेंद्र रैकवार अचानक नंदकिशोर पटवा के घर पहुंचे। घर पहुंचे अधिकारी कम्प्यूटर सहित अन्य सामान उठाकर तहसील ले आए। नंदकिशोर ने जब इसका विरोध किया तो उसके खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने के आोरप में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। 

नहीं लौटाया लैपटॉप

दो साल बाद 2018 में नंदकिशोर को तहसील कार्यालय से एक पत्र मिला। इसमें जब्त सामग्री प्राप्त करने के लिए कहा गया। हालांकि जब नंदकिशोर सामान लेने पहुंचे तो उन्हें एक आइरिश मशीन, फिंगर प्रिंट मशीन, वेब कैमरा दिया गया लेकिन जो लैपटाॅप नहीं लौटाया गया। कार्यालय में बताया गया कि लैपटाॅप नजारत शाखा में जमा ही नहीं हुआ है। 20 अप्रैल 2018 को सूचना के अधिकार के तहत एसडीएम कार्यालय से जानकारी करने पर पता चला कि इस संबंध में कोई रिकार्ड कार्यालय में नहीं है। जिसके बाद पटवा ने 2 मई 2018 को परिवाद पत्र अधिवक्ता अमित सेन के माध्यम से न्यायालय में पेश किया। 

पांच साल तक चली सुनवाई

पांच साल चली सुनवाई के बाद न्यायालय ने माना कि अधिकारियों ने अवैध रूप से सामान जब्त किया है। इसलिए रजनी सिंह, मोनिका वाघमारे और जितेंद्र रैकवार के विरुद्ध 451 और 380 के तहत प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए। कोर्ट के कई आदेश के बाद तीनों सरकारी कर्मचारी न्यायालय में पेश नहीं हुए। न्यायालय ने बीना थाना प्रभारी को 27 जुलाई 2024 के आदेश को तामील कर हलफनामा दाखिल करने और विपक्षी अधिकारी की 23 सितंबर 2024 को पेशी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि अभी रजनी सिंह इंदौर के वाणिज्यकर विभाग में अपर आयुक्त, मोनिका वाघमारे जबलपुर में तहसीलदार तो जितेद्र रैकवार चंदेरी में कम्प्यूटर ऑपरेटर हैं।

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