निशाने पर शाहरुख, प्रियंका समेत कई दिग्गज अभिनेता, जानें आखिर क्या है मामला
कई ने बॉलीवुड पर भारतीयों की विविधता का प्रतिनिधित्व करने में असफल रहने का आरोप भी लगाया। उदाहरण के लिए दक्षिण के अभिनेता मुख्य धारा के बॉलिवुड सिनेमा में बहुत कम दिखाई देते हैं।
ये अभिनेता त्वचा को कालेपन से निजात दिलाने के प्रोडक्ट को बढ़ावा देने और घरेलू हिंसा पर चुप रहने को लेकर निशाने पर आ गए हैं। त्वचा को तेजी से गोरा बनाने की मॉस्चराइजर को बढ़ावा देने में सबसे पहले प्रियंका चोपड़ा निशाने पर आईं।
लोगों की त्वचा का कालापन तेजी से कम करके गोरा बनाने के लिए भारत में तैयार उत्पादों को बढ़ावा देने तथा नस्लवाद के खिलाफ बोलने व वैश्विक विरोधों को समर्थन देने के लिए कई बॉलीवुड सितारों को "पाखंडी" करार दिया गया है।
प्रियंका चोपड़ा सहित बॉलीवुड की कई अभिनेत्रियों ने फ़्लॉइड की मौत के विरोध में सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा किए थे, फ्लाइड एक अधिकारी द्वारा लगभग नौ मिनट तक गर्दन पर चाकू मारने के बाद पुलिस हिरासत में मारे गए थे।
इंस्टाग्राम पर 37 वर्षीय चोपड़ा ने कहा, अमेरिका, और दुनिया भर में इस रंगभेद को समाप्त करें। जहां भी आप रहते हैं, आपकी परिस्थितियां चाहे जो भी हों, खासकर दूसरे के हाथों मरने के लिए कोई नही है।
इसके बाद लोगों ने प्रियंका को सोशल मीडिया पर गोरा बनाने वाले मास्चराइजर को बढ़ावा देने के लिए ट्रोल कर दिया। लोगों ने 2008 की हिंदी फिल्म, फैशन में प्रियंका की भूमिका की ओर भी इशारा किया, जिसमें वह एक अश्वेत व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाने पर शर्मिंदा होती हैं।
एक यूजर ने प्रियंका के इंस्टाग्राम पोस्ट का जवाब देते हुए कहा कि काले लोगों के बोलने पर धन्यवाद लेकिन आप कालेपन विरोधी स्किन क्री का समर्थन देना भी बंद करिये।
प्रियंका को पछतावा
पूर्व मिस वर्ल्ड रहीं चोपड़ा, जो बॉलीवुड और हॉलीवुड दोनों में एक स्टार हैं, ने समय समय पर अपने साक्षात्कारों में कहा है कि उन्हें एक युवा अभिनेत्री के रूप में इस तरह के उत्पाद का समर्थन करने पर पछतावा हुआ है और उन्हें अपनी गहरी त्वचा पर गर्व है।
शाहरुख खान भी इमामी फेयर एंड हैंडसम के लिए विज्ञापन करते रहे हैं। अभिनेत्री सोनम कपूर आहूजा, दीपिका पादुकोण और दिशा पाटानी भी अपने रंगभेद विरोधी पोस्ट को लेकर ट्रोल हो रही हैं जबकि वह त्वचा को गोरा बनाने के उत्पादों को प्रमोट करती रही हैं।
ऐसे में एक सवाल यह भी उठ रहा है कि भारत या पाकिस्तान के किसी ऐसे अभिनेता या अभिनेत्री का नाम बताएं जिसने त्वचा का रंग बदलने के उत्पाद के साथ खुद को न जोड़ा हो।
आलोचकों का यह भी कहना है कि फिल्म इंडस्ट्री भारतीयों में गोरी त्वचा को जुनून बना रहा है और काली त्वचा के प्रति पूर्वाग्रह का शिकार है। कई ने बॉलीवुड पर भारतीयों की विविधता का प्रतिनिधित्व करने में असफल रहने का आरोप भी लगाया। उदाहरण के लिए दक्षिण के अभिनेता मुख्य धारा के बॉलिवुड सिनेमा में बहुत कम दिखाई देते हैं।