शिवसेना किसकी?: सुप्रीम कोर्ट सोमवार को करेगा अपना रुख स्पष्ट, चुनाव आयोग से कहा- अभी न लें कोई निर्णय

Shiv Sena vs Shiv Sena: सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग से ये गुजारिश की है कि वह अगले सोमवार तक शिवसेना के चुनाव चिह्न को लेकर कोई फैसला न करे।

Written By :  aman
Update: 2022-08-04 08:47 GMT

Uddhav Thackeray and Eknath Shinde

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Shiv Sena vs Shiv Sena: शिवसेना पर किसका हक? इसकी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चल रही है। सर्वोच्च अदालत में ही अब इस बात का फैसला होना है कि शिवसेना उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) या एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की? इसी कड़ी में सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार (04 अगस्त 2022) को भी सुनवाई हुई। मगर, आज भी यह फैसला नहीं हो सका, कि शिवसेना आखिर किसकी है।

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के बाद कहा कि, सोमवार को वो अपना रुख साफ करेगा। आज हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने केंद्रीय चुनाव आयोग (Election Commission of India) से अनुरोध किया है कि जब तक सर्वोच्च न्यायालय का रुख स्पष्ट नहीं हो जाता, तब तक वह (EC) इस पर कोई फैसला न करे। अब ये माना जा रहा है कि सोमवार को सर्वोच्च अदालत इस पर फैसला करेगा कि, मामले को संवैधानिक पीठ (Constitutional Bench) को सौंपा जाए या नहीं। अगर, यह मामला संवैधानिक पीठ को सौंपा जाता है तो इस विवाद के लंबा खिंचने की उम्मीद है। यदि ऐसा नहीं होता है, तो ये संभव है कि फैसला जल्द आ सकता है।

साल्वे- 'ये अभी भी शिवसेना में ही हैं'

सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सबसे पहले शिंदे खेमे के वकील हरीश साल्वे (Harish Salve) ने अदालत में अपना पक्ष रखा। इस दौरान साल्वे ने कहा, कि 'ये सभी विधायक अभी भी शिवसेना में ही हैं। उन्होंने पार्टी का साथ नहीं छोड़ा है। उन्होंने कहा, यह डेमोक्रेसी ही है, कि पार्टी में रहते हुए भी आप अपनी असहमति जाहिर कर सकते हैं। ऐसे में किसी भी विधायक को 'अयोग्य' कैसे ठहराया जा सकता है?' आपको बता दें, कि कल यानी बुधवार को इसी मुद्दे पर उद्धव गुट की तरफ से दलील पेश की गई थी। जिसमें उनके वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि, बागी विधायक अयोग्य हैं। क्योंकि, उन्होेंने व्हीप का उल्लंघन किया है।

चुनाव आयोग के वकील भी पहुंचे कोर्ट, दिया जवाब

आज हुई सुनवाई की सबसे अहम बात यह रही कि, चुनाव आयोग के वकील भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। इलेक्शन कमीशन के वकील को भी आज बुलाया गया था। सुनवाई के दौरान अदालत में ये सवाल उठा कि, क्या चुनाव आयोग (EC) को यह फैसला लेने का अधिकार है या नहीं, कि असली शिवसेना किसकी है। इस पर जजों ने कहा कि,अगर कोई आयोग के पास जाता है तो उसे फैसला करने का अधिकार है।

EC ने 8 अगस्त को दोनों पक्ष से मांगे प्रमाण

बता दें, कि उद्धव ठाकरे खेमे के लिए यह जरूरी है कि सर्वोच्च न्यायालय, चुनाव आयोग की 8 अगस्त को होने वाली सुनवाई पर रोक लगा दे। इलेक्शन कमीशन ने दोनों पक्षों से इस बात के प्रमाण मांगे हैं कि शिवसेना पर उनका अधिकार है। आपको बता दें कि, 8 अगस्त को संबंध में सभी दस्तावेज सौंपे जाने हैं। इसके बाद चुनाव आयोग सुनवाई करेगा।

हालांकि, उद्धव ठाकरे खेमे को ये आशंका है कि चुनाव आयोग एकनाथ शिंदे के पक्ष में फैसला दे सकता है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष इस पर रोक लगाने की मांग तेज की जा रही है।

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