SC Decision: यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका, कहा-जिसका घर तोड़ा उसे 25 लाख का मुआवजा दे सरकार

SC Decision: यह मामला 2019 का है। जब यूपी के महराजगंज में बिना नोटिस दिए ही पुश्तैनी मकान गिरा दिया गया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया है।

Report :  Network
Update:2024-11-06 14:03 IST

सुप्रीम कोर्ट का फैसला (सोशल मीडिया)

SC Decision: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार को बुलडोजर एक्शन पर फटकार लगाते हुए एक पुश्तैनी मकान को बिना नोटिस दिए गिराए जाने पर कड़ी नराजगी जताई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यूपी सरकार ने जिसका घर तोड़ा है उसे 25 लाख रुपए का मुआवजा दे।

यह मामला उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले का है, जहां सड़क चौड़ीकरण प्रोजेक्ट के लिए घरों को बुलडोजर के जरिए ध्वस्त किया गया था। इस मामले में मनोज टिबरेवाल आकाश की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिस पर शीर्ष कोर्ट सुनवाई कर रही थी। इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यूपी सरकार ने जिसका घर तोड़ा है उसे 25 लाख रुपए का मुआवजा दे।

सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आप कहते हैं कि वह 3.7 वर्गमीटर का अतिक्रमणकर्ता था। हम इसे सुन रहे हैं, लेकिन कोई प्रमाण पत्र नहीं दे रहे हैं, पर आप क्या इस तरह लोगों के घरों को कैसे तोड़ना शुरू कर सकते हैं? यह अराजकता है, किसी के घर में घुसना।

सीजेआई ने कहा कि यह पूरी तरह से मनमानी है, उचित प्रक्रिया का पालन कहां किया गया है? हमारे पास हलफनामा है, जिसमें कहा गया है कि कोई नोटिस जारी नहीं किया गया था, आप केवल साइट पर गए थे और लोगों को सूचित किया था। हम इस मामले में दंडात्मक मुआवजा देने के इच्छुक हो सकते हैं। क्या इससे न्याय का उद्देश्य पूरा होगा?

कोर्ट ने पूछा, कितने घर तोड़े?

याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से मामले की जांच का आग्रह किया। वहीं सीजेआई ने राज्य सरकार के वकील से पूछा कितने घर तोड़े? वकील ने कहा कि 123 अवैध निर्माण थे। जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा कि आपके यह कहने का आधार क्या है कि यह अनाधिकृत था, आपने 1960 से क्या किया है, पिछले 50 साल से क्या कर रहे थे, बहुत अहंकारी, राज्य को एनएचआरसी के आदेशों का कुछ सम्मान करना होगा, आप चुपचाप बैठे हैं और एक अधिकारी के कार्यों की रक्षा कर रहे हैं।

सीजेआई ने कहा कि वार्ड नंबर 16 मोहल्ला हामिदनगर में स्थित अपने पैतृक घर और दुकान के विध्वंस की शिकायत करते हुए मनोज टिबरेवाल द्वारा संबोधित पत्र पर स्वतः संज्ञान लिया गया था। रिट याचिका पर नोटिस जारी किया गया था।

जस्टिस जेबी पारदीवाला ने यूपी सरकार के वकील से कहा कि आपके अधिकारी ने पिछली रात सड़क चौड़ीकरण के लिए पीले निशान वाली जगह को तोड़ दिया, अगले दिन सुबह आप बुलडोजर लेकर आ गए। यह अधिग्रहण की तरह है, आप बुलडोजर लेकर नहीं आते और घर नहीं गिराते, आप परिवार को घर खाली करने का समय भी नहीं देते। चौड़ीकरण तो सिर्फ एक बहाना था, यह इस पूरी कवायद का कोई कारण नहीं लगता।

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