विश्वयुध्द के संकेत: 1962 वाली जंग की चीन ने की तैयारी, अलर्ट जारी

सिक्किम से लगे हुए बॉर्डर पर भारत और चीन के सैनिकों में टकराव हुआ। हालांकि इस समय रहते ही सुलझा लिया गया। लेकिन इसके बाद अब भारत की विवादित सीमा के लद्दाख क्षेत्र में चीन दांव-पेंच कस रहा है।

Update:2020-05-13 11:28 IST

नई दिल्ली: वैश्विक महामारी कोरोना संकट के इस दौर में लगातार चीन के भारत में हस्तक्षेप करने खबर आ रही हैं। अभी 3 दिन पहले भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव की खबर आई थी। सिक्किम से लगे हुए बॉर्डर पर भारत और चीन के सैनिकों में टकराव हुआ। हालांकि इस समय रहते ही सुलझा लिया गया। लेकिन इसके बाद अब भारत की विवादित सीमा के लद्दाख क्षेत्र में चीन दांव-पेंच कस रहा है। सामने आई रिपोर्ट से पता चला है कि चीन की पीएलए ने 1962 की लड़ाई के एक पुराने पड़ाव गलवान नदी के पास टेंट लगाया है और देमचोक क्षेत्र में निर्माण शुरू कर दिया।

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भारत-चीन का सीमा विवाद

बता दें, इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने सूत्रों से जरिये ये बताया कि तीन हफ्ते हो गए हैं और यह क्षेत्र तनावपूर्ण बना हुआ है। हालांकि अधिकारियों का मानना है कि स्थापित संवाद चैनलों के जरिए हालात को धीरे-धीरे कंट्रोल में लाया जाएगा।

इस पर सेना ने कहा है कि अस्थायी और छोटी अवधि के फेस ऑफ (आमना-सामना) होते हैं क्योंकि भारत-चीन का सीमा विवाद अब तक हल नहीं हुआ है।

वहीं रक्षा सूत्रों का कहना है कि सन् 1962 में चीनी आक्रमण के गवाह बने गलवान नदी के इलाके में हाल ही में भारत-चीन के सैनिक आमने-सामने हुए थे।

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देमचोक में 1,000 से ज्यादा भारी वाहन

इसके बाद यह इलाका अब फिर से चर्चा में आया। हालांकि सेना वहां नहीं है। दोनों पक्षों ने विवादित सीमा के पास अपने-अपने इलाके से सैनिकों को पीछे खींच लिया है।

मिली रिपोर्ट में कहा गया है कि पैंगोंग त्सो झील के पास दोनों पक्षों के सैनिकों की एक हल्की बहुत झड़प हुई थी। सिक्रेट रिपोर्ट के अनुसार, निर्माण गतिविधियों के लिए संभवतः देमचोक में 1,000 से ज्यादा भारी वाहन लाए गए हैं।

इन सब हालातों को देखते हुए नेपाल सीमा पर भी कड़ी चौकक्नी नजर रखी जा रही है। बॉर्डर पोस्ट को चाक-चौबंद किया जा रहा है। लिपुलेख दर्रे के पास एक सड़क के निर्माण में हुए बदलाव के बाद सशस्त्र पुलिस के हजारों जवानों को हाल ही में तैनात किया जा रहा है।

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समझौते के उल्लंघन के रूप में

साथ ही देमचोक दर्रे में सीमा के पार गतिविधियों पर सख्त कड़ी नजर रखी जा रही है। ये भी बताया गया है कि यहां हवाई क्षेत्र का निर्माण किया जा सकता है। विवादित लाइन ऑफ ऐक्चुअल कंट्रोल यानी एल ए सी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) के पास भारी निर्माण को दोनों पक्षों के बीच समझौते के उल्लंघन के रूप में देखा जा रहा है।

जानकारी के लिए बता दें कि गलवान नदी क्षेत्र में चीन के साथ भारत का पुराना विवाद रहा है। जुलाई 1962 में यहां बनाई गई भारतीय सेना की एक पोस्ट को पीएलए के सैनिकों ने हाल ही में घेर लिया था।

और बिल्कुल इसी तरह का सिक्किम के नाथूला दर्रे में भी शनिवार को दोनों पक्षों के बीच हल्की-फुल्की झड़प देखी गई थी। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इसमें दोनों पक्षों के करीब एक एक दर्जन सैनिक घायल हुए।

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