किसानों पर कोरोना संकट: सैंकड़ों हुए बीमार, टेस्ट कराने से इसलिए कर रहे इनकार
किसानों ने कोरोना टेस्ट को लेकर सरकार पर आरोप लगाए कि ऐसा उन्हें आंदोलन से हटाने की साजिश के तहत किया जा रहा है। वहीं सरकार किसानों को स्वास्थ्य से जुडी तमाम सुविधा उपलब्ध करा रही है।
नई दिल्ली: कोरोना संकट और लगातार बढ़ रहे संक्रमण के बीच कई राज्यों के हजारों किसान दिल्ली बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। वहीं इस बीच पता चल रहा है कि सिंघु बॉर्डर पर 300 से ज्यादा किसान बीमार हो गए हैं। वैसे तो यहां दवाई का वितरण किया जा रहा है लेकिन कोरोना जांच कराने को लेकर किसानों ने इंकार कर दिया है।
सिंघु बार्डर पर 300 से ज्यादा किसान बीमार
दरअसल, पंजाब, हरियाणा,गुजरात और यूपी के किसान दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं। सिंघु बॉर्डर पर हजारों किसान तंबू डाले आंदोलन कर रहे हैं। हालंकि कोरोना संकट और बदलते मौसम के बीच किसानों में बीमारी भी बढ़ रही है। 300 से ज्यादा किसानों को बुखार, जुखाम और खांसी की शिकायत हो गयी हैं। वहीं जब प्रशासन ने इनकी कोरोना जांच कराने की बात कही तो किसानों ने जांच से साफ़ इनकार कर दिया।
खांसी-बुखार से परेशान, बांटी जा रहीं दवाईयां
किसानों ने कोरोना टेस्ट को लेकर सरकार पर ही आरोप लगा दिए कि ऐसा उन्हें आंदोलन से हटाने की साजिश के तहत किया जा रहा है। दूसरी तरफ सरकार किसानों को स्वास्थ्य से जुडी तमाम सुविधाएँ उपलब्ध करा रही हैं।
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कोरोना टेस्ट कराने से किया मना, बोले-सरकार की साजिश
किसानों का मानना है कि ठंड में रहने के कारण उनकी तबियत खराब हो रही है लेकिन आंशका उनके कोरोना संक्रमित होने की भी जताई जा रही है। हालंकि पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें कोरोना जांच कराने की बात कही तो उन्होंने इनकार कर दिया। किसानों को डर है कि कोरोना जांच में फर्जी रिपोर्ट लगाकर उन्हें 14 दिन के लिए क्वारंटीन किया जायेगा। ऐसे में वे कृषि कानून के खिलाफ आवाज नहीं उठा पाएंगे और सरकार से कानून वापस लेने को लेकर आंदोलन में शामिल नहीं हो सकेंगे। हालाँकि अधिकारियों ने आश्वासन देने की कोशिस की कि ये जांच केंद्र सरकार नहीं बल्कि दिल्ली सरकार करा रही है।
किसानों के स्वास्थ्य के लिए कई सुविधाएं दे रहा प्रशासन
सिंघु बॉर्डर पर किसानों के लिए दवाइयों के लंगर भी लगाए गए हैं। उन्हें कोरोना संक्रमण से बचाव के तरिके भी बताये जा रहे हैं लेकिन ज्यादातर किसान मास्क नहीं पहन रहे और न ही सोशल डिस्टेंसिंग पर ध्यान दे रहे हैं। ऐसे में प्रशासन को इस बात का भी डर है कि अगर किसान संक्रमित हुए तो बड़ी संख्या में वहां मौजूद लोगों में संक्रमण फ़ैल जाएगा।
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