Monkeypox का कहर: स्मॉलपॉक्स का टीका बचाता है मंकीपॉक्स के प्रसार से
मंकीपॉक्स का कहर: मंकीपॉक्स के मामले पूरे यूरोप में फैल रहे हैं, डॉक्टरों ने इसे असामान्य बताया है, क्योंकि यह ये संक्रमण शायद ही कभी पश्चिम और मध्य अफ्रीका के बाहर फैलता है।
Lucknow: दुनियाभर में इन दिनों मंकीपॉक्स के केस बढ़ते जा रहे हैं और ये एक बड़ी चिंता का मसला बनता जा रहा है। अचानक मंकीपॉक्स क्यों फैल रहा है(Why is monkeypox spreading?), इस बारे में विशेषज्ञों ने कहा है कि दशकों पहले चेचक के नियमित टीकाकरण (vaccination) को बन्द कर दिए जाने ने मंकीपॉक्स के फैलाव में योगदान दिया है।
मंकीपॉक्स के मामले पूरे यूरोप में फैल रहे हैं, डॉक्टरों ने इसे असामान्य बताया है, क्योंकि यह ये संक्रमण शायद ही कभी पश्चिम और मध्य अफ्रीका के बाहर फैलता है। इस महीने यूके जैसे देशों में मामलों की संख्या बढ़ रही है, साथ ही स्पेन, इटली, जर्मनी, बेल्जियम, फ्रांस, अमेरिका, कनाडा और अन्य देशों में भी केस मिलते जा रहे हैं।
यूरोपियन सेंटर ऑफ डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल (ईसीडीसी) के अनुसार, यह पहली बार है कि यूरोप में पश्चिम और मध्य अफ्रीका (West and Central Africa) के किसी भी ज्ञात महामारी विज्ञान लिंक के बिना संचरण की सीरीज़ की सूचना मिली है। नए मामलों और उनके कारणों की जांच जारी है। विशेषज्ञों के अनुसार, एक कारक यह है कि लोग वायरस से सुरक्षित नहीं हैं, और दशकों पहले वैश्विक चेचक के टीके के रोलआउट को रोके जाने के बाद से इसे शुरू नहीं किया गया है। बता दें कि चेचक के टीके से मंकीपॉक्स से भी बचाव होता है।
भयानक रोग
1960 और 70 के दशक में व्यापक रूप से चेचक के टीके का रोलआउट व्यापक रूप से हुआ था। ये दुनिया को उस बीमारी से छुटकारा दिलाने के लिए एक बड़े पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय प्रयास के हिस्से के रूप में हुआ, जिसकी मृत्यु दर अपने सबसे सामान्य रूप में लगभग 30 प्रतिशत थी और माना जाता था कि यह पृथ्वी पर लंबे समय तक बनी रही। लगभग 3,000 से अधिक वर्षों तक।
1959 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस बीमारी को पूरी तरह से मिटाने के लिए एक योजना बनाई। प्रारंभ में कार्यक्रम धन की कमी और टीके के दान के कारण संघर्ष कर रहा था। वैसे उत्तरी अमेरिका और यूरोप में यह बीमारी पहले ही समाप्त हो चुकी थी लेकिन यह दक्षिण अमेरिका, एशिया और अफ्रीका में बनी रही।
1967 में अधिक गहन उन्मूलन प्रयास के साथ, उच्च गुणवत्ता वाले फ्रीज किये हुए सूखे टीके उपलब्ध कराए गए और बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन अभियान शुरू किए गए। मई 1980 में इस बीमारी को पूरी तरह से समाप्त घोषित कर दिया गया था। ये एक ऐसी उपलब्धि थी जिसे अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य में अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक माना जाता है।
अमेरिका में चेचक का नियमित टीकाकरण 1972 में समाप्त
जैसे-जैसे चेचक का खतरा कम होता गया, वैक्सीन का रोलआउट कम होता गया। अमेरिका में चेचक का नियमित टीकाकरण 1972 में समाप्त हो गया। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, आज कोई भी सरकार नियमित रूप से वैक्सीन नहीं देती या इसकी अनुशंसा नहीं करती है, हालांकि यह अभी भी कभी-कभी उन लोगों को दिया जा सकता है जो प्रयोगशालाओं में वायरस के साथ काम करते हैं।
आज वो वयस्क जिन्हें बचपन में बीमारी के खिलाफ टीका लगाया गया था, उनके पास अभी भी कुछ स्तर की सुरक्षा हो सकती है,। यह इस बात पर निर्भर करता है कि उन्हें यह टीका कब मिला था, लेकिन आज के युवाओं को ऐसी कोई सुरक्षा नहीं है।
दक्षिण अफ्रीका के विटवाटरसैंड विश्वविद्यालय (University of the Witwatersrand) में वैक्सीनोलॉजी के प्रोफेसर शब्बीर माधी ने बताया कि चेचक की प्रतिरक्षा या तो टीके या संक्रमण से मंकीपॉक्स के खिलाफ क्रॉस सुरक्षा प्रदान करती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि चेचक की वैक्सीन मंकीपॉक्स से आंशिक सुरक्षा भी देती है, इसलिए यह मंकीपॉक्स को भी फैलने से रोक रही थी।
मंकीपॉक्स के टीके लगाने का आदेश
मंकीपॉक्स के नए मामलों के आलोक में कई देशों ने अब चेचक या मंकीपॉक्स के टीके लगाने का आदेश दिया है। लेकिन ये रोलआउट 60 और 70 के दशक के पैमाने होने की संभावना नहीं है। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि, यह देखते हुए कि मंकीपॉक्स आमतौर पर मनुष्यों के बीच बहुत आसानी से नहीं फैलता है, शायद चेचक को रोकने के लिए पूरी आबादी को चेचक के खिलाफ टीकाकरण करना एक अच्छा विचार नहीं है।