नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के मामलों की जांच के लिए गुरुवार (11 जनवरी) को नई तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। जांच दल के प्रमुख जस्टिस (रिटायर्ड) एसएन ढींगरा होंगे। एसआईटी को दो महीनों में अपनी रिपोर्ट देनी होगी। एसआईटी सिख विरोधी दंगों के 186 मामलों की जांच करेगी।
जस्टिस ढींगरा के अलावा दल में दो आईपीएस अधिकारी राजदीप सिंह (रिटायर्ड) और अभिषेक दुलार भी हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट 19 मार्च को अगली सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने एसआईटी को अपनी जांच पूरी करने के लिए दो महीनों का समय दिया है।
कई नामों में नहीं मिली थी कोर्ट की सहमति
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (10 जनवरी) को सिख विरोधी दंगों के मामले में नए सिरे से एसआईटी गठित करने के आदेश दिए थे। न्यायमूर्ति केपीएस राधाशरण और न्यायमूर्ति जेएम पांचाल की पर्यवेक्षी समिति ने पहली एसआईटी द्वारा की गई जांच पर सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट दी थी। कोर्ट के आदेश के बाद एसआईटी के लिए केंद्र सरकार ने बुधवार को कई नाम सुझाए थे, लेकिन कोर्ट ने उन नामों पर सहमति देने से इनकार कर दिया था।
294 केस में से 186 को बिना जांच के बंद किया गया था
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक पर्यवेक्षी समिति का गठन किया था। समिति ने पहली एसआईटी द्वारा की गई जांच का अवलोकन किया। पुरानी एसआईटी ने 1984 में हुए सिख विरोधी दंगे मामले में दर्ज 294 केस में से 186 को बिना किसी जांच के बंद कर दिया था, जिस पर आपत्ति जाहिर की गई थी।
पिछले साल एक अहम फैसले में दिल्ली हाईकोर्ट ने भी 1984 दंगे से जुड़े पांच मामलों की फिर से जांच करने के आदेश दिए थे। सभी मामलों को 1986 में ही बंद कर दिया गया था।
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद शुरू हुआ था दंगा
1984 के सिख विरोधी दंगे पूर्व भारतीय पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली से शुरू हुए थे। 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की उनके दो सिख गार्ड ने हत्या कर दी थी। दिल्ली से शुरू होकर दंगे देश के कई हिस्सों में फैल गए थे। दंगे में दिल्ली में ही 2733 लोगों की जान गई थीं