तूफानी बारिश का अलर्ट: गल जाएंगी हड्डियाँ कड़ाके की ठंड से, IMD की चेतावनी
पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों में दिखाई दे रहा है। ऐसे में दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत में तापमान में अच्छी-खासी गिरावट देखी गई है।
नई दिल्ली: मौसम ने तेजी से रफ्तार पकड़ते हुए करवटें बदलना शुरू कर दिया है। पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों में दिखाई दे रहा है। ऐसे में दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत में तापमान में अच्छी-खासी गिरावट देखी गई है। जानकारी देते हुए आईएमडी(India Meteorological Department) ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम अरब सागर पर बन रहा कम दबाव का क्षेत्र गहराता जा रहा है। जिसके चलते 24 नवंबर के मौसम के बारे में बताते हैं।
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श्रीनगर-लेह मार्ग बंद
उत्तर प्रदेश में बदलते मौसम के चलते तापमान लगातार गिर रहा है। ऐसे में मुरादाबाद में धुंध की परत छाई हुई दिखीं। ऐसे में धुंध की वजह से दृश्यता (विज़िबिलिटी) कम हो गई है। रात में ठंड इतनी ज्यादा बढ़ जाती है, कि ओस के सबूत सुबह तक मिलते हैं।
ऐसे में कश्मीर के अधिकतर मैदानी इलाकों में सोमवार को मौसम की पहली बर्फबारी हुई। घाटी के ऊंचाई पर स्थित क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बर्फबारी हुई, जिसके चलते घाटी को लद्दाख से जोड़ने वाला श्रीनगर-लेह मार्ग बंद हो गया।
विभाग ने जम्मू-कश्मीर और श्रीनगर-लेह मार्ग के सोनमर्ग-जोजिला अक्ष के ऊंचाई पर स्थित इलाकों के लिए ‘ऑरेंज' चेतावनी जारी की। साथ ही प्रशासन और लोगों से सतर्कता बरतने और तैयार रहने को कहा है।
ऐसे में मौसम विभाग के मुताबिक, राजधानी दिल्ली में आज न्यूनतम तापमान 10 और अधिकतम 25 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। चेन्नई और कांचीपुरम में अगले 24 घंटों में भारी बारिश की चेतावनी मौसम विभाग ने दी है।
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कम दबाव का चक्रवातीय क्षेत्र
साथ ही मौसम विभाग के मुताबिक, ओडिशा के तटीय क्षेत्र में एक कम दबाव का चक्रवातीय क्षेत्र बन रहा है जिसके धीरे-धीरे गहरा होने की संभावना है। झारखंड के मौसम पर इस कम दबाव के क्षेत्र का असर 26 नवंबर से दिखने की संभावना है।
इसके अलावा आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पुडुचेरी में मंगलवार और बृहस्पतिवार के बीच चक्रवात ‘निवार' के आने की आशंका को ध्यान में रखते हुए प्राधिकारी इससे निपटने की तैयारियों में जुट गए हैं।
इसी कड़ी में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति ने सोमवार को यहां बैठक की और तूफान के मद्देनजर अनेक उपायों पर विचार करने के साथ ही संबंधित राज्य सरकारों समेत अनेक पक्षों को प्रभावित क्षेत्रों में किसी की जान नहीं जाने देने और सामान्य स्थिति जल्द सही करने के निर्देश दिए हैं।
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