Lok Sabha Election 2024: क्या तेलंगाना से लोकसभा चुनाव लड़ेंगी सोनिया गांधी ? इंदिरा भी यहां से पहुंच चुकी हैं संसद
Lok Sabha Election 2024: तेलंगाना के मुख्यमंत्री और राज्य कांग्रेस प्रमुख रेवंत रेड्डी सोमवार देर शाम सोनिया गांधी से दिल्ली स्थित उनके आवास पर मिले। इस दौरान उन्हें गांधी से तेलंगाना से लोकसभा चुनाव लड़ने की अपील की।
Lok Sabha Election 2024: देश में आम चुनाव की घड़ी अब बिल्कुल नजदीक आ गई है। मार्च के पहले सप्ताह में चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। सियासी दलों के बीच सीट शेयरिंग और उम्मीदवारों के सेलेक्शन पर माथापच्ची शुरू हो गई है। देश में सबसे लंबे समय तक सत्ता पर काबिज रहने वाली कांग्रेस पार्टी भी चुनाव तैयारियों में जुटी हुई है। इस बीच सोनिया गांधी के दक्षिण भारत से चुनाव लड़ने की अटकलें जोर पकड़ने लगी हैं।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री और राज्य कांग्रेस प्रमुख रेवंत रेड्डी सोमवार देर शाम सोनिया गांधी से दिल्ली स्थित उनके आवास पर मिले। इस दौरान उन्हें गांधी से तेलंगाना से लोकसभा चुनाव लड़ने की अपील की। रेड्डी ने कहा कि राज्य के लोग आपको (सोनिया गांधा) मां की तरह देखते हैं, जिसने तेलंगाना को राज्य का दर्जा दिलाया। तेलंगाना सीएम के इस प्रस्ताव पर सोनिया गांधी ने कहा कि सही समय आने पर वे इसका फैसला करेंगी।
इस सीट से लड़ सकती हैं चुनाव ?
पूर्व कांग्रेस अध्यक्षा अगर तेलंगाना से आगामी लोकसभा चुनाव लड़ती हैं, तो वो सीट कौन सी होगी, ये बड़ा सवाल है। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो वह मेडक सीट से चुनाव मैदान में उतर सकती हैं क्योंकि इस सीट से गांधी परिवार का पुराना कनेक्शन रहा है। दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1980 में लोकसभा चुनाव इसी सीट से लड़ा था, जो कि उनका आखिरी चुनाव साबित हुआ। 1984 में उनकी हत्या कर दी गई थी। इसलिए माना जा रहा है कि अगर सोनिया गांधी यूपी की रायबरेली सीट से हटती हैं तो वह इसी मेडक से चुनाव लड़ सकती हैं।
मेडक तेलंगाना की हाईप्रोफाइल सीट रही है। यहां से इंदिया गांधी के अलावा पूर्व सीएम और बीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव भी चुनाव जीत चुके हैं। अविभाजित आंध्र प्रदेश में यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी। हालांकि, बाद के दिनों में यह बीआरएस जो कि पहले टीआरएस हुआ करती थी उसके गढ़ में तब्दील हो गई। 2014 और 2019 के पिछले दो चुनावों में बीआरएस उम्मीदवार यहां से जीत रहा है। कांग्रेस दूसरे और बीजेपी तीसरे स्थान पर रहती है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की धमाकेदार जीत ने राज्य का सियासी माहौल बदल दिया है, ऐसे में पार्टी को उम्मीद है कि वह अपने पुराने गढ़ को फिर से वापस हासिल कर लेगी।
राहुल भी कर चुके हैं दक्षिण का रूख
जब-जब उत्तर भारत में कांग्रेस और गांधी परिवार के पैर उखरे दक्षिण ने उन्हें सहारा दिया है। मौजूदा दौर में भी एक तरफ जहां उत्तर भारत में प्रचंड मोदी लहर से विरोधियों की हालत खराब हो रखी है, वहीं दक्षिण में भाजपा संघर्ष कर रही है। 2019 में कांग्रेस पार्टी ने अमेठी में राहुल गांधी की संभावित हार को भांपते हुए उन्हें केरल के वायनाड से चुनाव लड़वाया था। जब नतीजे आए तो उनका डर सच साबित हुआ, अमेठी गंवा चुके राहुल वायनाड से संसद पहुंचे।
यूपी की रायबरेली सीट जहां से फिलहाल सोनिया गांधी सांसद हैं, उसके बारे में भी यही कहा जा रहा है। राम लहर और मोदी लहर में गांधी परिवार की यह पारंपरिक सीट भी ढ़ह सकती है। ऐसे में कांग्रेस के रणनीतिकार सोनिया को या तो राज्यसभा या दक्षिण के रास्ते लोकसभा भेजने की तैयारी कर रहे हैं।