Parliament Special Session: संसद के विशेष सत्र में घमासान तय, कांग्रेस के तीखे तेवर, कहा-पांच दिन मोदी चालीसा नहीं सुनेंगे
Parliament Special Session: केंद्र सरकार की ओर से संविधान से इंडिया शब्द हटाने की तैयारी की चर्चाओं के बीच कांग्रेस ने विशेष सत्र को लेकर तीखे तेवर दिखाए हैं। कांग्रेस ने साफ तौर पर कहा है कि इस विशेष सत्र के दौरान जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए।
Parliament Special Session: मोदी सरकार की ओर से 18 सितंबर से बुलाए गए संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच घमासान होना तय है। केंद्र सरकार की ओर से संविधान से इंडिया शब्द हटाने की तैयारी की चर्चाओं के बीच कांग्रेस ने विशेष सत्र को लेकर तीखे तेवर दिखाए हैं। कांग्रेस ने साफ तौर पर कहा है कि इस विशेष सत्र के दौरान जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। पार्टी ने साफ तौर पर कहा है कि मौजूदा समय में देश के सामने कई महत्वपूर्ण मुद्दे हैं और इन मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। हम संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र में मोदी चालीसा सुनने के लिए नहीं बैठेंगे।
दूसरी ओर संविधान से इंडिया शब्द हटाने की अटकलों के बाद विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री के अरविंद केजरीवाल, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, एनसीपी के मुखिया शरद पवार, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती समेत विपक्ष के कई नेता अखाड़े में कूद पड़े हैं और उन्होंने मोदी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं।
देश के महत्वपूर्ण मुद्दों पर कांग्रेस का मंथन
कांग्रेस सांसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी की अगुवाई में मंगलवार को हुई महत्वपूर्ण बैठक के दौरान संसद के विशेष सत्र के दौरान पार्टी की रणनीति पर गहराई से मंथन किया गया। इस बैठक के दौरान देश के सामने मौजूद महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
बैठक में मुख्य रूप से महंगाई, बेरोजगारी, देश के सामने मौजूद आर्थिक चुनौतियों, भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश में हुए नुकसान, सीमा पर बढ़ती चुनौती, मणिपुर के हालात और अडानी से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। चर्चा के दौरान कांग्रेस नेताओं की राय थी कि संसद के विशेष सत्र के दौरान इन मुद्दों पर चर्चा की जानी चाहिए जो देश के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं।
मणिपुर के हालात में सुधार नहीं
लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक के दौरान महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के साथ हुई। संसद के विशेष सत्र के दौरान पार्टी की रणनीति पर भी मंथन किया गया।
उन्होंने कहा कि मणिपुर में अभी भी हालात बिगड़े हुए हैं और लोग शिविरों में रहने को मजबूर हैं। विभिन्न इलाकों में हत्या की घटनाएं हो रही हैं। इसके साथ ही अडानी समूह के संबंध में हाल में महत्वपूर्ण खुलासा हुआ है जिसकी जांच की जानी चाहिए।
पांच दिनों तक संसद में मोदी चालीसा नहीं सुनेंगे
राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने कहा कि संसद के विशेष सत्र के दौरान पार्टी की ओर से उन मुद्दों पर चर्चा के लिए दबाव बनाया जाएगा जो देश के लिए महत्वपूर्ण हैं। हम पांच दिनों तक संसद में बैठकर मोदी चालीसा नहीं सुनने वाले हैं।
उन्होंने सवाल किया कि क्या संसद में हमारी मौजूदगी सिर्फ वाहवाही करने और प्रधानमंत्री का गुणगान सुनने के लिए है? हम संसद में मोदी चालीसा नहीं सुनेंगे बल्कि मांग करेंगे कि सरकार को सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए।
कांग्रेस की रणनीति से घमासान तय
उन्होंने कहा कि जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए सरकार की ओर से बैठक बुलाई जा सकती है। संसद में 5 अगस्त 2019 का नजारा नहीं पेश किया जाना चाहिए। सरकार की ओर से अचानक कोई विधेयक पेश करके यह नहीं कहा जाना चाहिए कि इसे उसी दिन पारित करना है।
सियासी जानकारों का मानना है कि कांग्रेस की ओर से बनाई गई रणनीति से साफ है कि संसद के विशेष सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष में घमासान होना तय है। इससे पूर्व संसद के मानसून सत्र के दौरान भी मणिपुर के मुद्दे को लेकर कई दिनों तक हंगामा चला था और संसदीय कार्यवाही बाधित रही थी। अब ऐसा ही नजारा संसद के विशेष सत्र के दौरान भी दिख सकता है।