Parliament Special Session: संसद के विशेष सत्र में नया ड्रेस कोड, सिर पर मणिपुरी टोपी और कमल की आकृति वाली शर्ट, फैसले पर विवाद की आशंका
Parliament Special Session: विशेष सत्र को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। इस विशेष सत्र के बारे में यह भी खुलासा हुआ है कि इस बार नया ड्रेस कोड लागू करने की तैयारी है।
Parliament Special Session: मोदी सरकार की ओर से 18 सितंबर से संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है। संसद के इस विशेष सत्र की जोरदार तैयारियां शुरू हो गई हैं। हालांकि सरकार की ओर से अभी तक विशेष सत्र के एजेंडे का खुलासा नहीं किया गया है। इसी कारण विशेष सत्र को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। इस विशेष सत्र के बारे में यह भी खुलासा हुआ है कि इस बार नया ड्रेस कोड लागू करने की तैयारी है।
जानकार सूत्रों का कहना है कि विशेष सत्र के दौरान संसद के अंदर और बाहर के कर्मचारी नए संसद भवन में जाते समय विशेष वर्दी पहनेंगे। लोकसभा के एक अधिकारी ने बताया कि संसद के कर्मचारी मणिपुरी टोपी और कमल की आकृति वाले ड्रेस में दिखेंगे। हालांकि कमल देश का राष्ट्रीय पुष्प है मगर भारतीय जनता पार्टी का चुनाव निशान होने के कारण इसे लेकर सियासी विवाद पैदा होने की आशंका है।
मणिपुरी टोपी और कमल की आकृति वाली शर्ट
लोकसभा के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि विशेष सत्र के दौरान दोनों सदनों के मार्शल मणिपुरी टोपी पहने हुए दिखेंगे। संसद के भीतर विभिन्न अनुभागों में काम करने वाले अफसरों के लिए कमल की आकृति वाली शर्ट तैयार कराई गई है। संसद के भीतर काम करने वाली महिला अफसर नई डिजाइन वाली साड़ियों में दिखेंगी। नई संसद भवन में राज्यसभा की कालीनों को भी कमल की आकृति से सजाया गया है।
लोकसभा के अधिकारियों का कहना है कि देश के 18 नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फैशन टेक्नोलॉजी से नई यूनिफार्म के संबंध में सुझाव मांगे गए थे। एक विशेषज्ञ समिति की ओर से उन सुझावों में से एक नई वर्दी को लागू करने का फैसला किया गया है।
सियासी विवाद पैदा होने की आशंका
वैसे सरकार की ओर से लिए गए इस फैसले को लेकर राजनीतिक विवाद भी पैदा होने की आशंका जताई जा रही है। कमल भारत का राष्ट्रीय पुष्प जरूर है मगर इसके साथ ही सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी का सिंबल भी कमल ही है। अभी विपक्षी दलों की ओर से ही इस मामले को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई गई है मगर माना जा रहा है कि विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोल सकते हैं।
विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में शामिल दलों ने सरकार की ओर से अभी तक विशेष सत्र का एजेंडा न बताए जाने पर पहले ही मोर्चा खोल रखा है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पिछले दिनों इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी थी। उनका कहना था कि विशेष सत्र के दौरान देश के सामने मौजूद महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जानी चाहिए। अब ड्रेस कोड को लेकर भी विवाद पैदा होने की आशंका जताई जा रही है।
अब मार्शल पहनेंगे क्रीम रंग का कुर्ता-पायजामा
जानकार सूत्रों का के मुताबिक रोजाना के कार्यों में पीठासीन अधिकारियों की मदद करने वाले मार्शल अब नई ड्रेस में दिखेंगे। अब वे सफारी सूट की जगह क्रीम रंग का कुर्ता और पायजामा पहनेंगे। अब उनके सिर पर पगड़ी नहीं होगी बल्कि पगड़ी की जगह मणिपुरी टोपी दिखाई देगी।
विभिन्न विभागों के अधिकारी हल्के नीले रंग का सफारी सूट की जगह कमल की आकृति वाली शर्ट पहने हुए दिखेंगे। अब देखने वाली बात यह होगी कि विपक्ष की ओर से इन बदलावों पर क्या प्रतिक्रिया जताई जाती है।