सिर्फ 7 सालों में इस तरह क्लर्क से धन कुबेर बन गए मायावती के भाई आनंद
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के भाई और पार्टी उपाध्यक्ष आनंद कुमार व उनकी पत्नी के खिलाफ आयकर विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है।
नोएडा: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के भाई और पार्टी उपाध्यक्ष आनंद कुमार व उनकी पत्नी के खिलाफ आयकर विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है।
बता दें, आयकर विभाग ने आनंद कुमार के 400 करोड़ रुपये के दिल्ली से सटे नोएडा में एक बेनामी प्लॉट को जब्त कर लिया है।
आयकर विभाग काफी समय से मायावती के भाई आनंद कुमार की संपत्ति की जांच कर रहा था। इस जांच में आयकर विभाग को पता चला कि उनके पास 28328 स्क्वायर मीटर का एक बेनामी प्लॉट है।
सात एकड़ में फैले इस प्लॉट की कीमत करीब 400 करोड़ रुपये है। आइये हम आपको आनंद कुमार के क्लर्क से लेकर धनकुबेर बनने के बारें में विस्तार से बताते है।
ये भी पढ़ें...मायावती के प्रमुख सचिव और बसपा सरकार में कई अहम पदों पर रहे रिटायर आईएएस नेतराम के यहां सीबीआई का छापा…..
कभी क्लर्क थे आनंद
पूर्व सीएम मायावती के भाई आनंद कुमार वर्ष 2007 से पहले नोएडा अथॉरिटी में एक मामूली र्क्लक हुआ करते थे। मायावती के सत्ता में आने के बाद आनंद कुमार की संपत्ति अचानक तेजी से बढ़ी। 2007 तक वह लगातार अपनी नौकरी करते रहे। नौकरी के दौरान मीडिया ही नहीं राजनीतिक सुर्खियों से भी वो बहुत दूर थे।
ये भी पढ़ें...मायावती का बीजेपी पर बड़ा हमला, कहा- कागजी दावों से नहीं होगा जनता का कल्याण
7 साल में एक कंपनी से हो गईं 45 से अधिक कंपनी
जानकारों की मानें तो जांच एजेंसी के आनंद पर आरोप हैं कि वर्ष 2007 में जब आनंद कुमार नोएडा अथॉरिटी में नौकरी करते थे तो उन्होंने एक कंपनी बनाई थी। लेकिन ईडी की एक जांच के दौरान सामने आया कि वर्ष 2014 तक आनंद ने 45 से अधिक कंपनियां खड़ी कर ली थीं।
7 साल में 7।5 करोड़ से 1316 करोड़ का सफर
ईडी और इनकम टैक्स के आरोपों के अनुसार जांच में खुलासा हुआ है कि वर्ष 2007 के दौरान आनंद कुमार के पास करीब 7।5 करोड़ रुपये की संपत्ति थी। लेकिन सात साल में वर्ष 2014 तक आनंद ने अपनी संपत्ति को बढ़ाकर 1316 करोड़ रुपये कर लिया था।
ये भी आरोप लगे है कि इन सात साल के दौरान पांच साल मायावती की सरकार रही थी। जांच के दौरान इस संबंध में आनंद का कहना था कि इस दौरान उनकी कंपनियों के मुनाफे में 18000 प्रतिशत का उछाल आया था।
र्क्लक से धनकुबेर और अब बसपा में नंबर दो की हस्ती
अपने 10 साल के सफर में आनंद एक र्क्लक से धनकुबेर बने और उसके बाद उन्हें बसपा में शामिल किया गया । उन्हें पार्टी उपाध्यक्ष का पद दिया गया है। नसीमउद्दीन पार्टी से बाहर हो चुके हैं। सतीश मिश्रा से पहले और मायावती के बाद पार्टी में अब आनंद का नाम आता है।
ये भी पढ़ें...मायावती ने गठबंधन को एकदम खत्म किया
और भी बेनामी संपत्ति पर होगी कार्रवाई
आयकर विभाग का दावा है कि उसके पास मायावती के भाई आनंद कुमार की कई बेनामी संपत्तियों की जानकारी है। इन संपत्तियों के खिलाफ भी जल्द कार्रवाई की जा सकती है। आनंद कुमार पर हो रही आयकर विभाग की कार्रवाई की जद में मायावती भी आ सकती है। आयकर विभाग के अलावा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मामले की जांच कर रही है।
विचित्रा लता के नाम मिली बेनामी सम्पत्ति
आनंद कुमार की पत्नी विचित्रा लता की जिस बेनामी संपत्ति को जब्त किया गया। वह सेक्टर-94 में प्लाट नंबर 2ए है। प्राधिकरण ने इस प्लाट का आवंटन बीपीटीपी इंटरनेशनल ट्रेड सेंटर प्राइवेट लिमिटेड के नाम से किया था। 20 फरवरी 2009 को प्राधिकरण ने उक्त कंपनी को प्लाट पर कब्जा दिया था।
प्लाट का साइज करीब 35 हजार वर्गमीटर है। इस प्लाट से जुड़े कई और प्लाट है। इसका क्षेत्रफल करीब 14.2 एकड़ के आसपास है। जिस पर केपिटल सिटी नाम की परियोजना का निर्माण किया जा रहा है।
बताया गया कि इस सिटी में बीपीटीपी के अलावा बेनामीदार के रूप में जिन कंपनियों की पहचान की गयी है उनमें विजन टाउन प्लानर्स प्राइवेट लिमिटेड, यूरो एशिया मर्केंटाइल प्राइवेट लिमिटेड, सनी कास्ट एंड फोर्ज प्राइवेट लिमिटेड, करिश्मा इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और एड-फिन कैपिटल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
इसके अलावा कई डमी कंपनिया इसमे शामिल है। बताया गया दिल्ली से कई हवाला ट्रेंडर्स के पैसों का प्रयोग कर इस संपत्ति को खरीदा गया। कागजी दस्तावेज की जांच में इसका प्रमाण मिला है। इन कंपनियों के जरिए किए गए बहुस्तरीय 'बेनामी' लेन-देन के आनंद कुमार और विचित्र लता एकमात्र लाभार्थी हैं।
वर्तमान में यहा केपिटल सिटी नाम से एक परियोजना का निर्माण किया जा रहा है। प्लाट पर कब्जा व आवंटन दोनों ही बसपा शासन काल में हुए। दरअसल, बसपा शासन काल में ही नोएडा में भूखंड आवंटन की दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया था।
इसका लाभ ही इन डमी कंपनियों से उठाया। प्लाट खरीदने के लिए छह कंपनियों ने एक साझा समझौता किया। जिसमे बीपीटीपी को आगे रखा गया। बीपीटीपी के नाम से ही प्लाट खरीदा गया और पैसा और पांच कंपनियों व डमी कंपनियों की तरफ से लगाया गया।
2017 से आयकर विभाग की थी नजर
नोएडा में हुए भूमि आवंटन घोटाले को उजागर करने के लिए आयकर विभाग की टीम नोएडा में वर्ष 2017 से सक्रिय है। जगह-जगह छापेमारी करने जुटी है। गुरुवार को इसी कार्रवाई का हिस्सा मायावती के भाई की पत्नी विचित्र लता की सेक्टर-94 की प्रॉपर्टी जब्त माना जा रहा है।
आयकर सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के मुख्यमंत्री के संयुक्त निर्देश पर नोएडा-ग्रेटर नोएडा में भूमि आवंटन की फाइल को दोबारा वर्ष 2017 में खोला गया है। यह उसी फाइल की जांच का हिस्सा है, जिसे ¸भाजपा के एक सांसद ने वर्ष 2011-12 में दिल्ली आयकर विभाग को सौंपी थी।
इसमें कई सौ करोड़ से अधिक भूमि आवंटन घोटाले को उजागर करने के लिए उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम व उनके भाईकी जांच करने को भी कहा था। इसमे कई और लोगों के नाम शामिल थे। जो इस घोटाले के सूत्रधार थे और जिनका काम घोटाले की रकम को विभिन्न जगहों पर खपाना था।
सत्ता परिवर्तन के बाद दोबारा से मामले की जांच शुरू की गई। सूत्रों का कहना है कि इस जांच और कार्रवाई कि सिफारिश खुद सीएम आफिस से की गई थी। इसमें उनके पास इस मामले पर आरोपियों की शिकायत आने का हवाला दिया गया है। इसके बाद भूमि आवंटन घोटाले को उजागर करने का प्रयास शुरू कर दिया गया।
दोबारा से इस फाइल को दिल्ली से उठाकर नोएडा भेजा गया। जांच चलने और अब प्रॉपर्टी अटैच होने की घटना के बाद प्राधिकरण से जुड़े अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। जल्द ही अन्य बड़े बड़े पूंजीपतियों और बिल्डरों के नाम सामने आने वाले है।