एक पर 5 मरीज की दर से बढ़ रहा कोरोना, सार्वजनिक आयोजनों पर रोक का सही समय

कोरोना संक्रमण एक बार फिर तेजी से फैल रहा है। एक साल पहले लॉक डाउन की मुसीबतें देख चुके देश के नागरिक हालांकि यह नहीं चाहते हैं कि लॉक डाउन लगाया जाए।

Update: 2021-03-21 08:45 GMT
एक पर 5 मरीज की दर से बढ़ रहा कोरोना, सार्वजनिक आयोजनों पर रोक का सही समय

अखिलेश तिवारी

नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। महाराष्ट्र, पंजाब और केरल में एक संक्रमित व्यक्ति से पांच नए लोगों में कोरोना ट्रांसफर हो रहा है। उत्तर प्रदेश जैसे बड़ी आबादी वाले राज्य में भी कोरोना संक्रमण वृद्धि दर पिछले तीन दिन में तेजी से बढ़ी है। ऐसे में विशेषज्ञ भी मान रहे हैं कि सार्वजनिक स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों पर रोक लगाने की यह सही समय है। होली से पहले सरकार को बाजार से लेकर सोसाइटी के अंदर तक लोगों के इकठ्ठा होने पर रोक लगानी होगी। होली मिलन जैसे समारोह भी पिछली साल की तर्ज पर रद्द करने होंगे।

सार्वजनिक स्थलों पर एकत्र होने पर रोक लग सकती है

कोरोना संक्रमण एक बार फिर तेजी से फैल रहा है। एक साल पहले लॉक डाउन की मुसीबतें देख चुके देश के नागरिक हालांकि यह नहीं चाहते हैं कि लॉक डाउन लगाया जाए। नागरिक गतिविधियां पूरी तरह ठप हो जाएं लेकिन विशेषज्ञ मान रहे हैं कि देश में कोरोना को जिस तरह संक्रमित लोगों से संजीवनी मिल रही है उसे देखते हुए जल्द से जल्द ही पूरे देश में सार्वजनिक स्थलों पर लोगों के एकत्र होने पर रोक लगाई जानी चाहिए। सार्वजनिक यातायात के साधनों को भी बंद करने की आवश्यकता है। ऐसे में जिन लोगों के पास निजी वाहन की सुविधा है। उसका ही प्रयोग हो सकेगा।

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उत्तर प्रदेश जैसे देश के बड़ी आबादी वाले राज्य में कोरोना संक्रमित रोगियों की तादाद जिस तरह से बढ़ रही है। उसे देखते हुए सरकार ने कोरोना टेस्ट की संख्या बढ़ाने का एलान कर दिया है। आरटीपीसीआर जांच की मात्रा बेहद कम किए जाने की वजह से पिछले महीनों के दौरान उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमित रोगियों की तादाद कम दर्ज हुई है लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर पहले की तरह आरटीपीसीआर जांच बढ़ाई गई तो संक्रमित रोगियों की तादाद अचानक बढ़ सकती है।

महाराष्ट्र, केरल और पंजाब ने बढ़ाई चिंता

कोरोना संक्रमित मामलों की महाराष्ट्र , केरल और पंजाब में उपस्थिति ने स्वास्थ्य मंत्रालय की चिंताएं बढ़ा दी हैें। केरल में विधानसभा चुनाव भी होने जा रहे हैं जबकि वह कोरोना के पुन:फैलने का अनुपात पांच से ज्यादा है। मध्यप्रदेश और गुजरात में भी यह अनुपात तीन है। यानी एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति से इन राज्यों में पांच लोगों को कोरोना संक्रमण हो रहा है। उत्तर प्रदेश में भी इसी तरह की आशंका जताई जा रही है लेकिन वहां तस्वीर तब सामने आएगी जब कोरोना टेस्ट बढ़ा दिए जाएंगे। अभी यूपी सरकार ने तय किया है कि वह हर रोज 50 प्रतिशत आरटीपीसीआर टेस्ट कराएगी।

कोरोना संक्रमण अनुपात एक तिहाई रहा है बीते साल

कोरोना संक्रमण अनुपात इस साल पूरे देश में एक से डेढ़ मरीज तक ही सीमित बना हुआ है जबकि पिछले साल यह डेढ़ से ढाई प्रतिशत रहा है। यानी एक कोरोना संक्रमित रोगी से बीमारी केवल डेढ़ से ढाई लोगों तक ही पहुंची। इसे ऐसे समझ सकते हैं कि 100 कोरोना संक्रमित रोगियों से केवल 150 से लेकर 250 लोगों में ही संक्रमण फैल सका था जबकि इस बार मध्य प्रदेश में भी यह अनुपात तीन है।

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यानी हर एक सौ मरीज से तीन सौ मरीज को संक्रमण हो रहा है। केरल और महाराष्ट्र में यह औसत पांच है। भारतीय चिकित्सा परिषद शोध परिषद की कोरोना टास्क फोर्स के आपरेशन और रिसर्च ग्रुप के चेयरमैन प्रो नरेंद्र अरोड़ा ने मीडिया को जानकारी दी है कि पंजाब, केरल और महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण दर पांच तक पहुंच चुकी है। ऐसे में अब पांच से 25 और 25 से 125 लोगों तक कोरोना संक्रमण फैलेगा। इस तरह आने वाले पखवारे में कोरोना का खतरा तेजी से बढ़ सकता है।

प्रतिबंध लागू करने का सही समय

विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आने के बाद जिस तेजी से मरीजों की संख्या बढ़ी है। ऐसे में सख्त प्रतिबंध लागू करने का यह उचित समय हो सकता है। सबसे पहले सरकारों को सार्वजनिक कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक लगाने की जरूरत है। सरकारी और गैर सरकारी कार्यक्रमों में सैकड़ों- हजारों की तादाद में लोग एकत्र होते हैं।

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सार्वजनिक यातायात के साधन को भी बंद करने की जरूरत है। इससे लोगों की आवाजाही कम होगी और सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ कम दिखाई देगी। होली का त्यौहार निकट आने की वजह से बाजार में भी भीड़ बढ़ रही है। इसे भी नियंत्रित करना जरूरी हो गया है। ऐसे में सरकारों के लिए उचित है कि वह तत्काल कोरोना के संदर्भ में पिछले साल की तर्ज पर कड़े प्रतिबंध लागू करे।

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