Subrata Roy: कभी रुपयों के लिए सुब्रत रॉय को भी गिरवी रखने पड़े थे बीवी के गहने, अब कहे जाते हैं 'सहारा श्री'
Subrata Roy: सुब्रत रॉय के विवादास्पद व्यावसायिक जीवन के बारे में सभी जानते हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि उन्होने अपने बिजनेस की शुरूआत करने के लिए पत्नी के गहने गिरवी रख दिए थे।
Subrata Roy: प्रभावशाली व्यवसायियों में गिने जाने वाले सुब्रत रॉय एक ऐसा नाम है जिसे किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। सुब्रत रॉय सहारा वो नाम है, जिसने 2000 रुपये की पूंजी, दो कुर्सी और एक लैंब्रेटा स्कटूर से 20 लाख करोड़ तक के कारोबार का सफर तय किया है। सुब्रत राय अपने लैंब्रेटा स्कूटर पर स्नैक्स बेचने से लेकर एक साम्राज्य बनाने तक का सफर उनके लिए पुरानी यादों से कहीं ज्यादा है। सहारा श्री के नाम से भी जाने जाने वाले सुब्रत रॉय के समूह के दुनिया भर में 4,799 प्रतिष्ठान हैं। सुब्रत रॉय के विवादास्पद व्यावसायिक जीवन के बारे में सभी जानते हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि उन्होने अपने बिजनेस की शुरूआत करने के लिए पत्नी स्वप्ना रॉय के गहने गिरवी रख दिए थे, जिसका सुब्रत रॉय को आज भी मलाल है।
बिजनेस की शुरूआत नमकीन स्नैक्स बेचने से की थी
सुब्रत रॉय का जन्म 10 जून, 1948 को बिहार के अररिया में छवि और सुधीर चंद्र रॉय के घर हुआ था। गोरखपुर में शिफ्ट होने के बाद रॉय अपने माता-पिता और भाई-बहनों के साथ तुर्कमानपुर इलाके में किराए के मकान में रहने लगे थे। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा होली चाइल्ड से की और गवर्नमेंट टेक्निकल इंस्टीट्यूट, गोरखपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया था। परिवार में सबसे बड़ा बेटा होने के नाते, पिता की मृत्यु के बाद उन्हें काम करने के लिए मजबूर होना पड़ा। सुब्रत ने नमकीन स्नैक्स बनाने में अपनी किस्मत आजमाई थी, जिसे वे अपने लैंब्रेटा स्कूटर पर 'जया प्रोडक्ट्स' के नाम से बेचते थे। 1978 में उन्होंने गोरखपुर में एक छोटे से कार्यालय के साथ सहारा की नींव रखी थी। वर्षों की कड़ी मेहनत के साथ, उनकी विनम्र शुरुआत को सहारा इंडिया परिवार के नाम से दुनिया के सबसे बड़े व्यवसाय में बदल दिया गया।
जब सुब्रत को अपने बिजनेस के लिए स्वप्ना के गहने गिरवी रखने पड़े थे
सुब्रत रॉय अपने करियर के शुरुआती चरण के दौरान जब वह अपना व्यवसाय स्थापित करने के लिए संघर्ष कर रहे थे, बिजनेस टाइकून सुब्रत रॉय को अपनी पत्नी स्वप्ना के गहने गिरवी रखने पड़े। उन्होंने सिमी गरेवाल के चैट शो Rendezvous With Simi Garewal में भी इस बात को स्वीकार किया था। उसी के बारे में बात करते हुए, उन्होंने खुलासा किया था कि वह कभी नहीं भूल सकते कि उन्हें अपना व्यवसाय बनाने के लिए अपनी पत्नी के गहने गिरवी रखने पड़े थे। उन्होने यह भी बताया था कि तब से, पछतावे के कारण वह हर जन्मदिन पर अपनी पत्नी को सोने के आभूषण गिफ्ट करते हैं।
गहने गिरवी रखने का आज तक है मलाल
सुब्रत राय ने Rendezvous With Simi Garewal चैट शो में बताया था कि वो इस बात को आज तक नहीं भूल पाए हैं कि उन्होने बिजनेस की शुरुआत के लिए पत्नी के गहने गिरवी रख दिए थे। इसे भुलाने के लिए ही वह अपनी पत्नी स्वप्ना को हर गिफ्ट में गौल्ड ज्वैलरी देते हैं। सुब्रत रॉय ने बताया कि उनकी पत्नी के पास इतने गहने हो चुके है कि वह चाहती हैं कि अब मैं गहने गिफ्ट करना बंद कर दूं।
कारगिल युद्ध में शहीदों के परिजनों को दी थी आर्थिक सहायता
सुब्रत अपनी वैश्विक उपलब्धियों के अलावा अपने मानवीय कार्यों के लिए भी जाने जाते हैं। 2013 में, सहारा ने बाढ़ प्रभावित उत्तराखंड में राहत प्रयासों में प्रमुख भूमिका निभाई थी। उनके द्वारा एक लाख बोतल पीने का पानी, पैकेज्ड जूस, खाने के पैकेट और अन्य आवश्यक सामान उपलब्ध कराया गया। इसके अलावा कारगिल युद्ध में उनके योगदान की तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी सराहना की थी। सहारा समूह ने शहीदों के 127 परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की थी।