लाल आतंक से सहमा सुकमा, हमले वाली जगह से 250 किमी. दूर तक नहीं नजर आ रहे लोग
बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में 24 अप्रैल को नक्सली हमले में सेना के 26 जवान शहीद हुए थे। लेकिन इस हमले के बाद सुकमा सहित उनसे आस-पास के इलाकों में दहशत का माहौल है। जिस सड़क निर्माण के दौरान ये हमला हुआ था, सरकार ने दो हफ्तों तक उस निर्माण कार्य को निलंबित कर दिया है। खबर ये भी है, कि है क्षेत्र के लोग गांव खाली कर जा रहे हैं। बताया तो ये भी जा रहा है कि जहां हमला हुआ था वहां से 250 किमी तक कहीं लोग नजर नहीं आ रहे हैं।
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मीडिया ख़बरों के मुताबिक, सुरक्षाबलों पर हुए हमले के बाद से जवानों की सुरक्षा के मद्देनजर ऐसा किया जा रहा है। इस काम में 5-7 हजार सुरक्षाबल जुटे रहते हैं। ऐसे में फिलहाल उन्हें ड्यूटी से हटाया गया है। संभावना है कि उन जवानों को नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन पर फोकस किया जा रहा है।
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पूरे बस्तर में 30 हजार जवान तैनात हैं
अंग्रेजी अख़बार, 'हिन्दुस्तान टाइम्स' की खबर के मुताबिक पूरे बस्तर में 30 हजार जवान तैनात हैं। जिस वक्त सुकमा में नक्सली हमला हुआ था उस वक्त भी सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन के जवान सड़क निर्माण के काम में लगे थे। जब हमला हुआ उस समय 90 से ज्यादा जवान ड्यूटी पर तैनात थे।
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पूरा ध्यान ऑपरेशन पर
नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन के डीजी डीएम अवस्थी ने बताया, 'हम पूरी फोर्स को ऑपरेशन में शामिल करना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि सभी जवान फिलहाल अपना पूरा ध्यान नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई पर लगाएं।'
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सरकारी प्रयास बेअसर
बता दें, कि छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में इस तरह का ये पहला हमला नहीं था। बल्कि पिछले साल भी इसी तरह सड़क निर्माण के दौरान कई बार नक्सली हमले हुए। ये सरकार के लिए चिंता की बात है कि तमाम प्रयासों के बावजूद नक्सलियों का आतंक कम नहीं हो रहा।