Supertech Chairman Arrest: ED की बड़ी कार्रवाई, सुपरटेक के चेयरमैन आरके अरोड़ा गिरफ्तार...मनी लॉन्ड्रिंग का है मामला

Supertech Chairman Arrest: प्रवर्तन निदेशालय ने सुपरटेक के चेयरमैन आरके अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ये कार्रवाई हुई है।

Update:2023-06-27 22:18 IST
सुपरटेक चेयरमैन आरके अरोड़ा (Social Media)

Supertech Chairman Arrest: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार (27 जून) को बड़ी कार्रवाई की। ED ने कंस्ट्रक्शन कंपनी सुपरटेक के चेयरमैन आरके अरोड़ा ((Supertech Chairman RK Arora) को मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Cases) में उनके दिल्ली दफ्तर से गिरफ्तार किया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईडी ने आरके अरोड़ा से पिछले तीन दिनों से पूछताछ कर रही थी। पूछताछ के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

नरेडको के चेयरमैन भी हैं अरोड़ा

खबरों के मुताबिक, मंगलवार को भी पूर्व की भांति ईडी ने समन भेजकर आर.के. अरोड़ा को पूछताछ के लिए बुलाया। पूछताछ के बाद देर शाम मनी लॉन्ड्रिंग केस में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से अरोड़ा के परिजनों को गिरफ्तारी की सूचना दे दी गई है। आपको बता दें, आरके अरोड़ा बिल्डरों के संगठन नरेडको (National Real Estate Development Council) के चेयरमैन भी हैं।

दिल्ली-हरियाणा-UP में कई FIR दर्ज, एक जैसे आरोप

सुपरटेक ग्रुप ऑफ कंपनीज (Supertech Group of Companies) के खिलाफ दिल्ली पुलिस, हरियाणा पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस ने अब तक कई एफआईआर दर्ज की हुई है। इन्हीं FIR के आधार पर धन शोधन निवारण अधिनियम यानी PMLA के तहत प्रवर्तन निदेशालय ने इन्वेस्टिगेशन शुरू की। इन सभी दर्ज मामलों में में एक जैसा ही आरोप मिला। आरोप था कि कंपनी और उसके डायरेक्टर अपनी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स (Real Estate Projects) में बुक किए गए फ्लैटों के खिलाफ संभावित खरीदारों से एडवांस रकम लेकर उन्हें धोखा दे रहे हैं। आरोप ये भी लगाया गया कि कंपनी समय पर फ्लैटों का कब्जा देने में असफल रही है।

Supertech ने ऐसे किया खेल

ईडी की कार्रवाई से ये भी सामने आया कि सुपरटेक लिमिटेड (Supertech Limited) और समूह की अन्य कंपनियों ने घर खरीदारों से पैसे जुटाए। साथ ही, फ्लैट बनाने के नाम से बैंकों से लोन भी लिया। इस फंड को समूह की अन्य कंपनियों के नाम पर जमीन खरीदने के लिए डायवर्ट कर दिया गया। इन जमीनों को एक बार फिर फिर बैंकों से कर्ज लेने के लिए गिरवी रख दिया गया। सुपरटेक ग्रुप (Supertech Group) ने बैंकों को अदायगी करने में भी डिफॉल्ट किया। ऐसे करीब 1,500 करोड़ रुपए के लोन NPA बन गए।

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