नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के शिक्षामित्रों को बड़ी राहत दी है। समायोजित किए गए करीब एक लाख 72 हजार शिक्षामित्रों को अब सहायक अध्यापक के पद पर बने रहने के लिए टीईटी परीक्षा पास करनी होगी। दो साल के अंदर उन्हें ये परीक्षा पास करनी होगी। साथ ही उनके अनुभव का उन्हें वेटेज (छूट) मिलेगा।
सुप्रीम कोर्ट में शिक्षामित्रों की ओर से दलील दी गई थी कि शिक्षामित्र सालों से काम कर रहे हैं। मानवीय आधार पर सहायक शिक्षक के तौर पर शिक्षामित्रों के समायोजन को जारी रखा जाए। साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी कि संविधान के अनुच्छेद-142 का इस्तेमाल कर उन्हें राहत प्रदान की जाए।
1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों में से 22 हजार शिक्षामित्र ऐसे हैं, जिन्होंने टीईटी एग्जाम पास कर रखा है। ऐसे में उन्हें कोई खतरा नहीं है। साथ ही इन दो सालों में टीईटी एग्जाम पास करने के लिए उम्र के नियमों में भी छूट दी जाएगी। इलाहाबाद HC ने यूपी में 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों का प्राइमरी स्कूल के सहायक शिक्षक के तौर पर समायोजन रद्द कर दिया था।
सहायक शिक्षक बने करीब 22 हजार शिक्षामित्र ऐसे हैं, जिनके पास वांछनीय योग्यता है, लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर ध्यान नहीं दिया। ये शिक्षामित्र स्नातक बीटीसी और टीईटी पास हैं। ये सभी करीब 10 साल से काम कर रहे हैं। यह कहना गलत है कि शिक्षामित्रों को नियमित किया गया है। सहायक शिक्षकों के रूप में उनकी नियुक्ति हुई है।