Bihar Caste Survey: 'बिहार के जातिगत सर्वे पर रोक नहीं', सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को जारी किया नोटिस
Bihar Caste Survey Hearing in SC: बिहार की नीतीश कुमार सरकार की ओर से जातिगत सर्वे के आंकड़े जारी करने के बाद अब इस पर राजनीति तेज हो गई है। ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।
SC on Bihar Caste Survey: बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने हाल ही में जातिगत सर्वे के आंकड़े जारी किए थे। अब एक बार फिर ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। शीर्ष अदालत में शुक्रवार (06 अक्टूबर) को सुनवाई हुई। इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने जातिगत सर्वे पर यथास्थिति का आदेश देने से मना किया है। कोर्ट में अगली सुनवाई जनवरी में होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने रोक से इनकार किया। बेंच के अध्यक्ष जस्टिस संजीव खन्ना (Justice Sanjeev Khanna) ने कहा, 'हम किसी राज्य सरकार को नीति बनाने या काम करने से नहीं रोक सकते। सुनवाई में उसकी समीक्षा कर सकते हैं।' बता दें, इस मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस ने कहा, 'हाईकोर्ट ने विस्तृत आदेश पारित किया है। हमें भी विस्तार से ही सुनना होगा। ये बात भी सही है कि सरकारी योजनाओं के लिए आंकड़े जुटाना आवश्यक है। हम आप सभी को सुनना चाहेंगे।' अब मामले की अगली सुनवाई जनवरी में होगी।
'सर्वे प्रक्रिया ही निजता के अधिकार का हनन थी'
बिहार जातिगत सर्वे आंकड़े में मामले सुनवाई के दौरान वकील ने कहा, 'बिहार सरकार (Bihar Government) ने मामले की सुनवाई से पहले ही सर्वे के आंकड़े जारी कर दिए। इस पर जज ने कहा कि, 'हमने इस पर रोक नहीं लगाई थी। अपनी दलील में वकील ने आगे कहा कि, सर्वे की प्रक्रिया ही निजता के अधिकार का हनन थी। सबसे पहले तो ये तय हो कि संबंधित मामले पर नोटिस जारी किया जाए या नहीं।'
SC- किसी राज्य सरकार को नीति बनाने से नहीं रोक सकते
सुनवाई में दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट के जज ने कहा, 'हम नोटिस जारी कर रहे हैं। अगली सुनवाई जनवरी में होगी।' इस पर वकील ने आग्रह करते हुए कहा कि, यथास्थिति का आदेश जारी कर दीजिए। इस पर जस्टिस ने कहा, ऐसा अभी नहीं कर सकते। यह भी देखना है कि वर्गीकृत आंकड़े (classified data) प्रकाशित हों या नहीं। कोर्ट ने कहा, हम किसी राज्य सरकार को नीति बनाने से नहीं रोक सकते लेकिन लोगों के निजी आंकड़े सार्वजनिक नहीं होने चाहिए।'
2024 लोकसभा चुनाव से पहले जारी हुए आंकड़े
बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने बीते सोमवार को बहुप्रतीक्षित जाति आधारित गणना के आंकड़े जारी किए थे। लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections) से पहले जारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य की कुल आबादी में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) की हिस्सेदारी 63 प्रतिशत है।