ससुराल से निकाली गई महिला उस जगह से मुकदमा दर्ज करा सकती है जहां उसने शरण ली है: कोर्ट

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने अधिकार क्षेत्र के संबंध में महत्वपूर्ण फैसला दिया जहां एक विवाहित महिला दहेज उत्पीड़न तथा प्रताड़ना के मामले में अलग रह रहे अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा सकती है।

Update: 2019-04-09 06:37 GMT
प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि अपने ससुराल से निकाली गई महिला अलग रह रहे अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ उस जगह पर ही मुकदमा दर्ज कर सकती है जहां वह रह रही है।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने अधिकार क्षेत्र के संबंध में महत्वपूर्ण फैसला दिया जहां एक विवाहित महिला दहेज उत्पीड़न तथा प्रताड़ना के मामले में अलग रह रहे अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा सकती है।

पीठ ने कहा कि इसके अलावा जहां महिला शादी के पहले और बाद में रह रही थी, जिस जगह पर उसने शरण ले रखी है वहां से भी वह विवाह संबंधी मामले दर्ज करा सकती है। उच्चतम न्यायालय का फैसला उत्तर प्रदेश की रुपाली देवी की याचिका पर आया है।

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