जज गवर्मेंट सपोर्टिव नहीं, हम हर दिन सरकार की खिंचाई करते हैं : SC

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि उसके जज सरकार समर्थक नहीं हैं और खामियां नजर आने पर सुप्रीम कोर्ट हर दिन की अपनी कार्यवाही के दौरान सरकार की खिंचाई भी करती है।

Update: 2017-10-05 19:58 GMT

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि उसके जज सरकार समर्थक नहीं हैं और खामियां नजर आने पर सुप्रीम कोर्ट हर दिन की अपनी कार्यवाही के दौरान सरकार की खिंचाई भी करती है।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा, जस्टिस ए.एम. खानविलकर और जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की बेंच ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के पूर्व अध्यक्ष के आरोपों पर प्रकाश डालते हुए यह टिप्पणी की।

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एससीबीए के पूर्व अध्यक्ष ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज सरकार समर्थक हैं। एससीबीए के पूर्व अध्यक्ष की बयान की ओर इशारा करते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि किसी को यहां आना चाहिए और देखना चाहिए की कोर्ट हर दिन कैसे सरकार की खिंचाई करती है।

सुप्रीम कोर्ट ने ये कमेंट्स बुलंदशहर गैंग रेप मामले में यूपी के पूर्व मंत्री आजम खां की टिप्पणी पर सुनवाई के दौरान किए। यह घटना पिछले साल 29 जुलाई को बुलंदशहर के पास हाइवे पर हुई थी। पिटिशनर ने मामले को दिल्ली ट्रांसफर करने और यूपी के पूर्व मंत्री आजम खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। खान ने विवादित बयान दिया था, जिसमें उन्होंने घटना को 'राजनीतिक साजिश' बताया था।

सुप्रीम कोर्ट ने ये मामला कॉन्स्टिट्यूशन बेंच को सौंप दिया, जो यह तय करेगी कि क्या मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों को ऐसे आपराधिक मामलों में बयान देने से रोका जा सकता है, जिनमें जांच जारी है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीनियर वकील हरीश साल्वे और फली एस नरीमन ने जो सवाल उठाए हैं, उन पर कॉन्स्टिट्यूशन बेंच को विचार करने की जरूरत है।

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सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के गलत इस्तेमाल पर चिंता जताते हुए कहा कि लोग फैक्ट्स की पड़ताल किए बिना अदालती कार्यवाहियों के बारे में गलत जानकारी फैलाते हैं। कोर्ट अदालत के एमिकस क्यूरी के तौर पर सहयोग कर रहे नरीमन ने बेंच की राय से सहमति जताते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर गलत सूचनाओं और खराब भाषा की भरमार है और उन्होंने ऐसी सूचनाओं को देखना ही बंद कर दिया है। साल्वे ने भी इन्हीं कारणों से अपना ट्विटर अकाउंट बंद करने की बात कही।

 

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