SC का बड़ा फैसलाः सिनेमाघरों में फिल्म दिखाने से पहले राष्ट्रगान अनिवार्य
नई दिल्ली: राष्ट्रगान को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार 30 नवंबर को बड़ा फैसला सुनाया है। अब फिल्म दिखाने से पहले सिनेमाघरों में राष्ट्रगान अनिवार्य होगा। कोर्ट ने कहा कि सिनेमाघरों में स्क्रीन पर झंडा दिखाना अनिवार्य है। फिल्म और सीरियल के बीच में राष्ट्रगान नहीं बजाया जा सकता है।
इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि हर नागरिक को राष्ट्रगान का सम्मान करना होगा। राज्य सरकारों को निर्देश दिए गए हैं कि वो ध्यान रखें कि कहां राष्ट्रगान का अपमान हुआ है।
कोर्ट ने दिया 10 दिन का समय
-सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश केे इम्प्लीमेंट के लिए 10 दिन का समय दिया है।
-कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि सभी राज्य के मुख्य सचिवों को इसकी कॉपी दे दी जाए ।
-इसे इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया में पब्लिश किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट में कई दिनों से चल रहा था मामला
सिनेमाघरों में हर फिल्म के पहले राष्ट्रगान बजाने को अनिवार्य करने का मामला कई दिन से सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि सिनेमाघरों में राष्ट्रीय गान बजने के समय सभी दर्शकों को उसके सम्मान में खड़ा होना होगा।
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किसने दायर की थी याचिका
श्याम नारायण चौकसी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की थी कि सिनेमा हॉल में हर फिल्म के प्रदर्शन से पहले राष्ट्र गान बजाना अनिवार्य किया जाए। याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रगान भारत की आजादी का अभिन्न अंग है। इससे जन जन की भावनाएं जुड़ी हैं।
-दीपक मिश्रा की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया है।
-महाराष्ट्र में कोल्हापुर की शिवाजी यूनिवर्सिटी ने सामूहिक राष्ट्रगान के लिए कार्यक्रम आयोजित किया है।
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अमिताभ पहले से हैं समर्थन में
अमिताभ बच्चन और फिल्म निर्माता सुजीत सरकार ने पिछले सितंबर में कहा था कि सिनेमाघर अगर राष्ट्रगान बजाते हैं तो यह अच्छी बात होगी। अमिताभ का कहना था कि राष्ट्रगान सुनकर बहुत अच्छा महसूस होता है और इस तरह की पहल करना अच्छा होगा।
‘‘सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाने की परंपरा काफी सालों से रही है। जब मैं दिल्ली में पढ़ता था तब हम फिल्म देखने जाते थे और जब राष्ट्रगान बजता था तो हमें बहुत अच्छा महसूस होता था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं जब भी मुंबई के किसी सिनेमाघर में जाता हूं और राष्ट्रगान बजता है तो शरीर में सिहरन पैदा हो जाती है। मुझे भारतीय होने पर बहुत गर्व महसूस होता है। मैं कोलकाता और दिल्ली के अपने सभी दोस्तों से मुंबई आकर सिनेमाघर में फिल्म देखने को कहता हूं।’’
वहीं एआईएमआईएम विधायक इम्तियाज जलील का कहना है कि सिनेमा घरों में राष्ट्रगान बजाने की जरूरत नहीं है क्योंकि लोग वहां मनोरंजन के लिए जाते हैं। सिनेमाघर में महज राष्ट्रगान गाना किसी को देशभक्त नहीं बनाता।