Bilkis Bano Case: दोषियों की रिहाई के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जल्द गठित करेंगे विशेष पीठ

Bilkis Bano Case: गुजरात दंगों के दौरान कथित तौर पर हुए बिलकिस बानो गैंगरेप के बाद दोषियों की समयपूर्व रिहाई हुई थी। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में फिर एक याचिका दाखिल हुई थी। इस याचिका पर सुप्रीमकोर्ट ने याचिकाकर्ता को आश्वस्त किया है कि वो जल्द इस मामले को सूचीबद्ध करेगा।

Written By :  Dhanish Srivastava
Update:2023-02-07 21:07 IST

Bilkis Bano File Photo (Image: Social Media)

Bilkis Bano Case: करीब दो दशकों से समय-समय पर देशभर में चर्चा में रहा बिलकिस बानो कथित गैंगरेप केस एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार केस के 11 दोषियों को समय पूर्व जेल से रिहा करने के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह इसके लिए जल्द ही एक पीठ का गठन करेगा।

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने बिलकिस की अधिवक्ता शोभा के आग्रह पर सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की।

गौरतलब है कि बिलकिस बानो मामले में दोषियों की समय से पहले रिहाई को चुनौती देती हुई एक याचिका सर्वोच्च अदालत में दायर की गई थी। गुजरात सरकार ने उम्रकैद काट रहे दोषियों को गुजरात में प्रचलित सजा में छूट की नीति के तहत 15 अगस्त 2022 को रिहा किया था। इस केस के दोषियों को यह कहते हुए बरी किया गया था कि उन्होंने इस मामले में 14 साल जेल में बिताए हैं। गौरतलब है कि इससे पहले 13 दिसंबर को बिलकिसकी पुनर्विचार याचिका को शीर्ष अदालत ने खारिज करते हुए कहा था कि हमारी राय में 13 मई 2002 के फैसले में कोई त्रुटि दिखाई नहीं देती, जिसके चलते समीक्षा की जा सके।

दो दशक चर्चा में रहा बिलकिस बानो केस, खूब हुआ मीडिया ट्रायल

गोधरा कांड, 2002 के गुजरात दंगों की जितनी चर्चा देश-विदेश की मीडिया में हुई, उससे कम बिलकिस बानो केस की भी नहीं हुई। समय-समय पर कथित सामाजिक कार्यकर्ता और मीडिया का एक धड़ा इसे मानवाधिकारों में रेयरेस्ट ऑफ रेयर साबित करने पर तुला रहा। इस लॉबी के ज्यादातर लोग गोधरा की साबरमती ट्रेन में लगी आग, उसमें जिंदा जले लोगों पर संदेहास्पद चुप्पी साधे रहे, लेकिन बिलकिस बानो के मामले को तूल देने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी। तरह-तरह की बयानबाजियां हुईं। लेकिन न्यायपालिका ने अपना काम बखूबी किया और तमाम विरोधाभासों के बीच अदालत से बिलकिस को न्याय मिला। इस मामले में 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। अब सजा काटकर आरोपियों के जेल से समयपूर्व छूटने पर यह मामला फिर तूल पकड़ रहा है।

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