SC ने 'भगोड़े' माल्या को माना अवमानना का दोषी, 10 जुलाई को पेश होने का आदेश

Update: 2017-05-09 05:52 GMT

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को कोर्ट की अवमानना मामले में दोषी पाया है। कोर्ट ने विजय माल्या को 10 जुलाई को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने कहा कि विजय माल्या को पेश होकर अपना पक्ष रखना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या के खिलाफ अदालत की अवमानना के मामले की सुनवाई कर रहा है।

फिलहाल माल्या लंदन में हैं, पिछले साल 2 मार्च को उन्होंने देश छोड़ा था। सरकार की ओर से उन्हें प्रत्यर्पित करने की तैयारी शुरू की जा चुकी है। 2 मई को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई का 4 सदस्ययी दल प्रत्यर्पण की कोशिशें तेज करने के लिए लंदन गया था। दोनों ही एजेंसियां अलग-अलग मामलों में विजय माल्या की जांच कर रही हैं।

सुप्रीम कोर्ट में जमा कराएं पैसे

बता दें, कि पिछली सुनवाई में बैंक एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी, कि कोर्ट विजय माल्या को आदेश दे कि वह डिएगो डील से मिले 40 मिलियन डॉलर को हफ्तेभर के भीतर भारत लेकर आए। अगर माल्या उस पैसे को भारत लेकर नहीं आते तो व्यक्तिगत तौर पर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया जाए। इस पर बैंक एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि डिएगो डील से मिले 40 मिलियन डॉलर को उन्होंने बच्चों के अकाउंट में ट्रांसफर किया है। उसका एक ट्रस्ट बना रखा है। एसबीआई सहित अन्य दूसरे बैंकों ने सुप्रीम कोर्ट से मांग करते हुए कहा, कि डील से मिले 40 मिलियन अमेरिकी डॉलर को सुप्रीम कोर्ट में जमा कराया जाए।

ये था माल्या का तर्क

इससे पहले विजय माल्या की याचिका पर कोर्ट ने बैंको को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। याचिका में माल्या ने अवमानना नोटिस को वापस लेने की मांग की है। माल्या का कहना है कि संपत्ति का ब्योरा समझौते के लिए दिया था, जबकि समझौता नहीं हो रहा है। इस लिहाज से अवमानना का कोई मामला नहीं बनता।

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